प्रधानमंत्री मोदी ने बर्लिन की दीवार गिरने से की आज की तुलना, जानें और क्या-क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या जमीन विवाद पर अपना फैसला सुनाया। फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का संदेश साथ जीने और जुड़ने का है और अगर इसे लेकर किसी के मन में कटुता रही तो उसे त्यागने का वक्त है। उन्होंने आज के दिन की तुलना बर्लिन की दीवार गिरने की घटना से की। प्रधानमंत्री ने और क्या-क्या कहा, आइए आपको बताते हैं।
प्रधानमंत्री बोले, दशकों तक चली न्याय प्रक्रिया का आज समापन हुआ
अपने भाषण की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक दीर्घकालीन इतिहास है। उन्होंने आगे कहा, "पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज सुनवाई हो जो हुई और आज निर्णय आ चुका है। दशकों तक चली न्याय प्रक्रिया और उस पूरी प्रक्रिया का अब समापन हुआ है।"
सभी वर्गों के फैसले को खुले दिल से स्वीकार करने की तारीफ की
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पूरी दुनिया ये तो मानती ही है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आज दुनिया ने ये भी जान लिया है कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत है और कितना मजबूत है।" उन्होंने कहा कि देश के सभी वर्गों ने जिस तरीके से खुले दिल से फैसले को स्वीकार किया है वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, इतिहास रच रहे सवा सौ करोड़ भारतवासी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अपनी विविधता में एकता के लिए जाना जाता है और आज ये मंत्र अपनी पूर्णता के साथ खिल रहा है। उन्होंने कहा, "ये घटना इतिहास के पन्नों से उठाई हुई नहीं है। सवा सौ करोड़ देशवासी खुद आज खुद एक नया इतिहास रच रहे हैं। इतिहास में नया स्वर्णिम पृष्ठ जोड़ रहे हैं।" सुप्रीम कोर्ट के सर्वसम्मति से फैसला सुनाने की तारीफ करते हुए उन्होंने इसे भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बर्लिन की दीवार गिरने से की आज के दिन की तुलना
बर्लिन की दीवार के गिरने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज 9 नंवबर है। यही वो तारीख थी जब बर्लिन की दीवार गिरी थी। दो विपरीत धाराओं ने एकजुट होकर नया संकल्प लिया था। आज 9 नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की शुरूआत हुई है। इसमें इसमें भारत और पाकिस्तान दोनों का सहयोग रहा है। आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख दे रही है।"
"नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं"
सब भूलकर आगे बढ़ने का संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि फैसले ने संदेश दिया है कि कठिन से कठिन मसले का हल संविधान के दायरे में ही आता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया नई शुरूआत, नए भारत के निर्माण का आह्वान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "ये फैसला हमारे लिए नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी नए सिरे से 'न्यू इंडिया' के निर्माण में जुटेगी। आइए एक नई शुरूआत करते हैं। एक नए भारत का निर्माण करते हैं। हमें अपना विकास इस बात से तय करना है कि कहीं मेरे साथ चलने वाला पीछे तो नहीं छूट रहा।"
संबोधन के अंत में दी ईद की बधाई
प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है, अब देश के नागरिक पर राष्ट्र निर्माण की जबावदारी और बढ़ गई है। भाषण के अंत में एकता का संदेश देते हुए उन्होंने देशवासियों को ईद की बधाई दी।
अयोध्या विवाद पर क्या रहा सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
अयोध्या विवाद में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन को मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट के हवाले करने का आदेश दिया है। रामलला विराजमान के लिए इसका मालिकाना हक रहेगा। वहीं उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या की ही किसी प्रमुख जगह पर पांच एकड़ जमीन दी जाएगी ट्रस्ट बनाने और मस्जिद निर्माण के लिए जमीन देने के लिए केंद्र सरकार को तीन-चार महीने का समय दिया गया है।