संसद विशेष सत्र: पहले दिन की लाइव अपडेट

प्रधानमंत्री मोदी के बाद लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि हमारे बहुत सारे पूर्वजों ने सदन में योगदान दिया और हम उन्हें याद करते रहेंगे। उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस की सरकारों के काम को याद किया।
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन को संबोधित किया और नेहरू के कामों को याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस काल में इस सदन के सांसदों ने कैंटीन सब्सिडी का खाना छोड़ दिया और 30 प्रतिशत कम सैलरी ली।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सांसदों के लिए ये सौभाग्य का मौसम है क्योंकि उन्हें इतिहास और भविष्य के बीच कड़ी बनने का मौका मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि आज का दिवस इस सदन के सदस्य रहे 7,500 जन प्रतिनिधियों के गुणगान का है।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नई संसद में सभी नई उमंग के साथ जाएंगे। उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपनी सभी मधुर यादों का यहां जिक्र करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के अंत में सदन को प्रणाम किया और पिछले 75 साल में देश का गौरव बढ़ाने वाले हर व्यक्ति को प्रणाम करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल में इस सदन के सांसदों ने कैंटीन सब्सिडी का खाना छोड़ दिया और 30 प्रतिशत कम सैलरी ली।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सांसदों के लिए ये सौभाग्य का मौसम है क्योंकि उन्हें इतिहास और भविष्य के बीच कड़ी बनने का मौका मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि आज का दिवस इस सदन के सदस्य रहे 7,500 जन प्रतिनिधियों के गुणगान का है।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नई संसद में सभी नई उमंग के साथ जाएंगे। उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपनी सभी मधुर यादों का यहां जिक्र करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के अंत में सदन को प्रणाम किया और पिछले 75 साल में देश का गौरव बढ़ाने वाले हर व्यक्ति को प्रणाम करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "ये वो सदन था, जहां कभी भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने अपने बम से अंग्रेजी हुकूमत को हिला दिया था। ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू के 'एट द स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट' भाषण की गूंज हमें प्रेरित करती रहेगी। इसी सदन में अटल जी ने कहा था कि सरकारें आएंगी, जाएंगी, लेकिन ये देश रहना चाहिए।"
प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि बाबासाहेब ने औद्योगिकीकरण का समर्थन किया।
उन्होंने कहा, "लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 के युद्ध में इसी सदन से जवानों और देश को प्रेरित किया था और यही से ग्रीन क्रांति की शुरुआत की थी। इसी सदन ने बांग्लादेश का निर्माण देखा। इसी सदन ने आपातकाल देखा और इसी सदन ने लोकतंत्र की मजबूत वापसी देखी। इसी सदन में पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह चौधरी ने ग्रामीण विकास मंत्रालय का गठन किया। इसी सदन ने मतदान की उम्र घटा लाखों युवाओं को वोटिंग का अधिकार दिया। नरसिम्हा राव की सरकार ने पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़कर नई आर्थिक नीतियां अपनाईं, जिनका देश को लाभ मिला। अटल बिहारी वाजपेयी ने सर्वशिक्षा अभियान दिया और परमाणु परीक्षण किया। इसी सदन ने मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान 'कैश फॉर वोट कांड' देखा। इसी सदन ने अनुच्छेद 370 को हटते देखा, इसी सदन ने GST देखा।"
प्रधानमंत्री मोदी बोले कि यही सदन है कि यहां एक वोट से अटल जी की सरकार गिरी थी और लोकतंत्र की महिमा को बनाकर रखा था।
उन्होंने कहा, "इस देश में 2 प्रधानमंत्री (मोरारजी देसाई, वीपी सिंह) ऐसे रहे जिन्होंने कांग्रेस में जीवन बिताया, लेकिन उसकी विरोधी सरकार का नेतृत्व किया। यही लोकतंत्र की ताकत है।"
प्रधानमंत्री बोले कि ये सदन का सामर्थ्य है कि 2000 में बिना किसी विवाद के अलग राज्य बने, लेकिन ये भी सच है कि तेलंगाना के बंटवारे में खून की नदियां बहीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "ये वो सदन था, जहां कभी भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने अपने बम से अंग्रेजी हुकूमत को हिला दिया था। ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू के 'एट द स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट' भाषण की गूंज हमें प्रेरित करती रहेगी। इसी सदन में अटल जी ने कहा था कि सरकारें आएंगी, जाएंगी, लेकिन ये देश रहना चाहिए।"
प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि बाबासाहेब ने औद्योगिकीकरण का समर्थन किया।
उन्होंने कहा, "लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 के युद्ध में इसी सदन से जवानों और देश को प्रेरित किया था और यही से ग्रीन क्रांति की शुरूआत की थी। इसी सदन ने बांग्लादेश का निर्माण देखा। इसी सदन ने आपातकाल देखा और इसी सदन ने लोकतंत्र की मजबूत वापसी देखी। इसी सदन में पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह चौधरी ने ग्रामीण विकास मंत्रालय का गठन किया। इसी सदन ने मतदान की उम्र घटा लाखों युवाओं को वोटिंग का अधिकार दिया। नरसिम्हा राव की सरकार ने पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़कर नई आर्थिक नीतियां अपनाईं, जिनका देश को लाभ मिला। अटल बिहारी वाजपेयी ने सर्वशिक्षा अभियान दिया और परमाणु परीक्षण किया। इसी सदन ने मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान 'कैश फॉर वोट कांड' देखा। इसी सदन ने अनुच्छेद 370 को हटते देखा, इसी सदन ने GST देखा।"
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन पर हुए हमले को याद करते हुए कहा कि ये देश पर हमला था और वो सदन को आतंकियों से बचाने वालों को नमन करते हैं। उन्होंने संसद को कवर करने वाले पत्रकारों को भी याद किया, जिन्होंने सदन की खबरों को देश तक पहुंचाया।
प्रधानमंत्री मोदी बोले कि इसी सदन में संविधान सभा की बैठकें हुईं और हमें संविधान दिया। उन्होंने कहा कि इन 75 वर्षों में आम नागरिकों का संसद पर भरोसा बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "पंडित नेहरू, शास्त्री जी, अटल जी, मनमोहन जी, इन्होंने सदन के माध्यम से देश को दिशा दी। आज उन सबका गौरवगान करने का अवसर है। सरदार वल्लभभाई पटेल, लोहिया जी, आडवाणी जी, अनगिनत नाम जिन्होंने हमारे सदन को समृद्ध करने का काम किया है।"
प्रधानमंत्री मोदी बोले कि सदन आंसुओं से भर गया जब उसने 3 प्रधानमंत्रियों (नेहरू जी, शास्त्री जी, इंदिरा जी) को उनके कार्यकाल में ही खो दिया।
उन्होंने कहा कि दोनों सदनों के सभी अध्यक्षों ने सबको साथ लेकर नियम-कानूनों के बंधन में सदन को हमेशा ऊर्जावान बनाकर रखा है और वह उन्हें नमन करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के कर्मचारियों का भी अभिनंदन करते हुए कहा कि उन्होंने भी सदन के कार्य में तेजी लाने में योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी बोले कि इसी सदन में संविधान सभा की बैठकें हुईं और हमें संविधान दिया। उन्होंने कहा कि इन 75 वर्षों में आम नागरिकों का संसद पर भरोसा बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "पंडित नेहरू, शास्त्री जी, अटली जी, मनमोहन जी, इन्होंने सदन के माध्यम से देश को दिशा दी। आज उन सबका गौरवगान करने का अवसर है। सरदार वल्लभभाई पटेल, लोहिया जी, आडवाणी जी, अनगिनत नाम जिन्होंने हमारे सदन को समृद्ध करने का काम किया है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गंभीर शारीरिक समस्याओं के बाद भी सांसद सदन में आए और अपनी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी सांसद सदन में आए और अपना फर्ज निभाया। उन्होंने कहा कि सांसदों ने राष्ट्र का कार्य नहीं रुकने दिया।
प्रधानमंत्री मोदी बोले कि आजादी के बाद बहुत बड़े-बड़े विद्वानों ने चिंताएं व्यक्त की थीं कि पता नहीं देश रहेगा या नहीं, लेकिन ये इस संसद की ताकत है कि पूरे विश्व को गलत साबित कर दिया और ये राष्ट्र पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ता रहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समय के साथ सदन की संरचना भी बदलती रही है, और अधिक समावेशी बनती गई है। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर समाज के हर वर्ग के लोग हैं।
उन्होंने कहा, "प्रारंभ में महिलाओं की संख्या कम थी, लेकिन धीरे-धीरे माता-बहनों ने भी इस सदन की गरिमा को बढ़ाया है। करीब-करीब 7,500 से अधिक जनप्रतिनिधि दोनों सदनों में योगदान दे चुके हैं। करीब 600 महिला सांसदों ने संसद की गरिमा को बढ़ाया है।"
प्रधानमंत्री मोदी बोले कि यहां हम सभी ने खट्टे-मीठे पल साझा किए और इसका गौरव हम सभी का साझा है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत के नवनिर्माण से जुड़ी अनेक घटनाओं को इन 75 वर्षों में हमने इसी सदन में आकार लेते हुए देखा।
उन्होंने कहा कि जब वे पहली बार इस संसद के भवन में आए तो सहज रूप से शीश झुकाकर इस लोकतंत्र के मंदिर को नमन करते हुए उन्होंने कदम रखा था।
उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र की ताकत है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर चाय बेचकर गुजारा करने वाला गरीब का बेटा संसद पहुंच गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि देश उन्हें इतना प्यार देगा।
प्रधानमंत्री मोदी बोले, "हम सभी के लिए गर्व की बात है कि आज भारत विश्व मित्र के रूप में अपनी जगह बना पाया है। पूरा विश्व भारत में अपना मित्र खोज रहा है और उसका अनुभव कर रहा है। इसका मूल कारण है कि हमारे जो संस्कार हैं, वेद से विवेकानंद तक हमने जो पाया है, 'सबका साथ सबका विकास' का मंत्र विश्व को साथ लाने में हमें जोड़ रहा है।"
प्रधानमंत्री मोदी बोले कि G-20 की सफलता पूरे देश की सफलता है और ये किसी व्यक्ति, किसी दल की सफलता नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत के अलग-अलग रंग-रूप में देश की अलग-अलग सरकारों ने कार्यक्रमों का आयोजन किया और इसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि भारत इस बात पर गर्व करेगा कि जब भारत अध्यक्ष था तब अफ्रीकी संघ G-20 का सदस्य बना।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम भले ही नए भवन में जाएंगे, लेकिन पुराना भवन भी आने वाली पाढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि ये भारत के लोकतंत्र की स्वर्णिम इतिहास का एक बहुत अध्याय है।
प्रधानमंत्री मोदी बोले कि आज चारों तरफ भारत की चर्चा हो रही है और ये 75 साल के सामूहिक प्रयास का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से न केवल भारत बल्कि पूरा विश्व अभिभूत है और इससे भारत का एक नया रूप निकल कर आया है जो विज्ञान और तकनीक से जुड़ा हुआ है और ये विश्व पर बड़ा प्रभाव छोेड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि वे देश के वैज्ञानिकों को एक बार फिर सदन के माध्यम से कोटि-कोटि बधाई देते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा कि देश की 75 साल की संसदीय यात्रा का स्मरण करने और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है। हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आजादी से पहले ये इम्पीरियल हाउस था, आजादी के बाद ये संसद बना। ये सही है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन इस भवन के निर्माण में पसीना हमारे देशवासियों का लगा था, परिश्रम हमारे देशवासियों का लगा था और पैसे भी उनके लगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने G-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये सम्मेलन अभूतपूर्व था और इससे विश्व को भारत की संस्कृति और विविधता को देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में G-20 के घोषणापत्र को सर्वसम्मति से अपनाया गया और कठिन मुद्दों पर भी सबके बीच सहमति बनी। उन्होंने कहा कि ये विश्व में भारत के ऊंचे कद और इस सरकार के पिछले 9 साल में किए गए कार्य को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कई प्रकार के विभाजनों से ग्रसित विश्व भारत शांति का प्रतीक है।
संसद का विशेष सत्र शुरू होे गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा पहुंच गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में चंद्रयान-3 की सफलता पर बोलते हुए कहा कि चंद्रयान-3 हमारा तिरंगा फहरा रहा है और शिवशक्ति पॉइंट नई प्रेरणा का केंद्र बना है। तिरंगा पॉइंट हमें गर्व से भर रहा है। पूरे विश्व में इस प्रकार की उपलब्धि को विज्ञान और तकनीक से जोड़कर देखा जाता है और जब ये सामर्थ्य सामने आता है तो भारत के लिए अनेक संभावनाएं, अनेक अवसर दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं।