मोहम्मद जुबैर के खिलाफ अब लखीमपुर खीरी पुलिस ने जारी किया वारंट
क्या है खबर?
ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में जेल में बंद फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की मुश्किलें कम नहीं हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सीतापुर के एक मामले में पांच दिन की अंतरिम जमानत मिलने के कुछ ही देर बाद लखीमपुर खीरी पुलिस ने एक साल पहले के एक मामले में वारंट जारी कर दिया है।
उन्हें 11 जुलाई को पेश होने को कहा है।
मामला
लखीमपुर खीरी में जुबैर के खिलाफ क्या दर्ज है मामला?
जुबैर के खिलाफ मोहम्मदी कोतवाली पुलिस थाने में यह मामला सितंबर 2021 में आशीष कुमार कटियार की शिकायत पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया था।
जुबैर के खिलाफ दो गुटों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 A के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इसको लेकर कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर 11 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं।
तामील
मोहम्मदी पुलिस ने सीतापुर जेल में कराई वारंट की तामील
लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने बताया कि कोर्ट की ओर से वारंट जारी करने के बाद मोहम्मदी पुलिस ने जुबैर के सीतापुर जेल में होने के कारण वहां पहुंचकर वारंट की तामील कराई है। जुबैर को अदालत में पेश करना जेल अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
उन्होंने बताया कि जेल अधिकारियों को वारंट के आधार पर जुबैर को फिलहाल रिहा नहीं करने के लिए कहा गया है। ऐसे में अब उनकी रिहाई संभव नहीं है।
पृष्ठभूमि
27 जून को गिरफ्तार किए गए थे जुबैर
मोहम्मद जुबैर को एक ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में 27 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
अपने इस ट्वीट में तीन दशक पहले की एक फिल्म से एक होटल के साइनबोर्ड की तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा था, '2014 से पहले: हनीमून होटल और 2014 के बाद: हनुमान होटल।'
हनुमान भक्त नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने ट्वीट कर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद जुबैर को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी
सीतापुर पुलिस ने भी दर्ज किया था मामला
दिल्ली पुलिस के जुबैर को गिरफ्तार करने के बाद सीतापुर पुलिस ने भी 1 जुलाई को उनके खिलाफ मुस्लिमों पर भड़काऊ भाषण देने वाले "हिंदू साधुओं" को नफरत फैलाने वाले बताने को लेकर भी मामला दर्ज किया था। इसके बाद जुबैर ने FIR रद्द कराने और जान को खतरा बताते हुए जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इस पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी।