NCB ने किया ड्रग्स नेटवर्क का भंडाफोड़, LSD की अब तक की सबसे बड़ी मात्रा जब्त
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने मंगलवार को 'डार्क वेब' के माध्यम से चलाए जा रहे एक अखिल भारतीय तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। अभियान में NCB ने बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ लिसेर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड (LSD) जब्त किया है। यह एक सिंथेटिक रसायन आधारित दवा है और इसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है। अधिकारियों का दावा है कि यह अब तक देश में जब्त की गई LSD की सबसे बड़ी मात्रा है।
NCB अधिकारियों ने क्या कहा?
NCB के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि ये LSD बेचने का एक बड़ा नेटवर्क था, जो पोलैंड, नीदरलैंड और अमेरिका जैसे देशों से भारत में इसकी सप्लाई करता था। उन्होंने कहा कि 2 मामलों में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे 15,000 टैबलेट जब्त की गई हैं, जो व्यावसायिक मात्रा से 2.5 हजार गुना अधिक हैं। उन्होंने बताया कि इसकी व्यावसायिक मात्रा 0.1 ग्राम है और यह पिछले 2 दशकों में सबसे बड़ी जब्ती है।
सोशल मीडिया के जरिये चलता था नशे का कारोबार
NCB अधिकारियों ने कहा कि इस नेटवर्क के लोग सोशल मीडिया के जरिए अपने ग्राहकों से जुड़ते थे और ऑनलाइन पेमेंट से पैसे लेते थे। उन्होंने बताया कि LSD एक सिंथेटिक केमिकल ड्रग्स है और ये बहुत ही खतरनाक है।
NCB ने पिछले महीने भी जब्त की थी रिकॉर्ड ड्रग्स
इससे पहले NCB ने पिछले महीने भारतीय नौसेना के साथ एक संयुक्त अभियान में केरल के तट से 2,500 किलो मेथामफेटामाइन नाम की नशीली दवा जब्त की थी। यह एक हाई प्रोफाइल ड्रग्स है और अतंरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 25,000 करोड़ रुपये के करीब आंकी गई थी। मेथामफेटामाइन की जब्त खेप को एक-एक किलोग्राम के पैकेट में 134 बोरियों में छिपाकर रखा गया था।
नौसेना के साथ मिलकर NCB चला रही है 'ऑपरेशन समुद्रगुप्त'
फरवरी, 2022 में NCB ने समुद्र के रास्ते होने वाली ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए भारतीय नौसेना के साथ मिलकर 'समुद्रगुप्त' नाम का एक विशेष ऑपरेशन शुरू किया था, जिसके तहत अब तक 4,000 किलोग्राम से अधिक ड्रग्स जब्त की जा चुकी है।
NCB ने पाकिस्तानी तस्कर को किया था गिरफ्तार
NCB के उप महानिदेशक (ऑपरेशंस) संजय कुमार सिंह ने बताया कि ड्रग्स की कीमत के हिसाब से यह मेथामफेटामाइन की सबसे बड़ी जब्ती थी और यह ईरान के चाबहार बंदरगाह से होकर भारत पहुंची थी और इसका स्रोत पाकिस्तान था। उन्होंने कहा कि नौसेना के साथ चलाए संयुक्त अभियान के दौरान एक तस्कर जुबैर डेराक्षशांदेह को भी गिरफ्तार किया गया था, जो पाकिस्तानी नागरिक था और उसे इस काम के लिए अच्छी खासी रकम दी गई थी।
क्या होता है डार्क वेब?
इंटरनेट में छुपी हुई दुनिया को 'डार्क वेब' कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां तक पहुंचना सबके लिए संभव नहीं है। इस इंटरनेट की काली दुनिया का उपयोग नशीली दवाओं, बंदूकों और अन्य अवैध वस्तुओं को खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है। इसके अलावा अन्य तरह की आपराधिक गतिविधियों को भी डार्क वेब के माध्यम से अंजाम दिया जाता है और इसका इस्तेमाल अधिकांश अपराधी पुलिस की नजर से बचने के लिए करते हैं।