मुंबई: आदिवासी मेडिकल छात्रा की आत्महत्या के मामले में 3 डॉक्टरों की याचिका खारिज, जुर्माना लगा
क्या है खबर?
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बीवाईएल नायर अस्पताल की 3 महिला डॉक्टरों को आदिवासी छात्रा की आत्महत्या के मामले में विशेष अनुसूचित जाति और जनजाति कोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया।
डॉक्टरों पर 26 वर्षीय मेडिकल छात्रा पायल तड़वी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। डॉक्टरों ने अप्रैल, 2022 में डिस्चार्ज याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने तीनों डॉक्टरों पर 25,000-25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सुनवाई
तड़वी के परिवार को दी जाएगी रकम
फ्री प्रेस जनरल के मुताबिक, तीनों आरोपी अस्पताल की वरिष्ठ डॉक्टर हैं। इनमें डॉ. अंकिता खंडेलवाल, डॉ. भक्ति मेहारे और डॉ. हेमा आहूजा शामिल हैं।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि 20 जून को होने वाली अगली सुनवाई से पहले यह रकम तड़वी के परिवार को मिलनी चाहिए।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुरू करने से पहले अगली तारीख पर आरोप तय करने के भी आदेश दिए हैं। तीनों ने कोर्ट में खुद को बेकसूर बताया है।
घटना
क्या है मामला?
पायल तड़वी अस्पताल में द्वितीय वर्ष की छात्रा थीं। उन्होंने 22 मई, 2019 को अपनी जान दे दी थी। उनके परिवार ने तीनों डॉक्टरों पर तड़वी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
परिवार का कहना है कि तीनों डॉक्टरों ने आदिवासी समुदाय से होने के कारण तड़वी को परेशान किया। हालांकि, तीनों ने कोर्ट को बताया कि वह नहीं जानती थीं कि तड़वी आदिवासी समुदाय से है।
पीड़ित परिवार के वकील ने कोर्ट में सुसाइड नोट भी दिखाया है।