हैदराबाद: कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर निकाला गया मुहर्रम का जुलूस, उड़ाई नियमों की धज्जियां
क्या है खबर?
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में रविवार को कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए मुहर्रम का जुलूस निकाला गया। इस जुलूस में सैकड़ों लोग शामिल हुए और इस दौरान न केवल सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं, बल्कि कई लोगों ने तो मास्क तक नहीं पहन रखे थे।
सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर पुलिस भी मौजूद थी और लोगों ने उसके सामने ही नियमों की धज्जियां उड़ाईं।
कोर्ट का आदेश
तेलंगाना हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी थी जुलूस निकालने की अनुमति
ये जुलूस तेलंगाना हाई कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन करते हुए निकाला गया जिसमें उसने कोरोना वायरस महामारी के कारण हैदराबाद में मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले हफ्ते मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा था कि इससे अराजकता पैदा होगी और एक समुदाय को कोरोना वायरस फैलाने के लिए निशाना बनाया जाएगा।
जुलूस
आयोजकों ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर निकाला मुहर्रम का जुलूस
'NDTV' की रिपोर्ट के अनुसार, मुहर्रम का 'बीवी का आलम' जुलूस हैदराबाद के डाबेरपुरा इलाके से शुरू हुआ और चारमीनार, गुलजार हुज और दारुलशिफा से होते हुए चर्मघाट पर खत्म हुआ।
इस जुलूस के साथ सैकड़ों लोग चलते हुए नजर आए और मातम मनाते हुए नजर आए और उनमें से कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं कर रहा था। जुलूस के दौरान किसी में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का डर नहीं दिखा।
ट्विटर पोस्ट
ऐसे कैसे रुकेगा कोरोना वायरस का संक्रमण?
#WATCH Norms of social distancing flouted during annual 'Bibi Ka Alam' Muharram procession in Hyderabad, Telangana. pic.twitter.com/deWmRjmSMm
— ANI (@ANI) August 30, 2020
जानकारी
इतिहास पर पहली बार वैन पर निकाला गया जुलूस
इस जुलूस को एक वैन पर निकाला गया और ये इतिहास में पहली बार था जब 'बीवी का आलम' जुलूस वैन पर निकाला गया। इससे पहले ये जुलूस एक हाथी पर निकाला जाता था जिसे सजाकर लाया जाता था।
अन्य मामले
झारखंड में भी निकाला गया जुलूस
हैदराबाद की तरह झारखंड के रांची में भी कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर मुहर्रम का जुलूस निकाला गया। ये जुलूस चर्च रोड स्थित जाफरिया मस्जिद के पास निकाला गया। मामले में 40 से 50 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
इसके अलावा देश के अन्य कई हिस्सों में भी कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए इसी तरह जुलूस निकाले गए। हालांकि एक बड़ी आबादी ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जुलूस नहीं निकाला।
महत्व
इसलिए निकाला जाता है मुहर्रम का जुलूस
बता दें कि मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है और इसे बेहद पाक माना जाता है। वैसे तो इस महीने का हर दिन खास है, लेकिन 10वें दिन, जिसे रोज-ए-अशुरा कहा जाता है- को बेहद खास माना जाता है।
इसी दिन पैगंबर मोहम्मद के नाती हुसैन की शहादत हुई थी और उन्हें याद करते हुए शिया मुस्लिम जुलूस निकालते हैं। इस पूरे महीने को एक गम के महीने के तौर पर मनाया जाता है।