ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए 300 से अधिक पुलिसकर्मी, 22 FIR दर्ज
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने 22 FIR दर्ज की हैं। इन FIR में कुछ किसान नेताओं के नाम होने की खबरें भी हैं, हालांकि अभी इसकी आधिकारीक पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस ने हिंसा के दौरान अपने 300 से अधिक जवानों के घायल होने की बात भी कही है और दो पुलिसकर्मी ICU में भर्ती हैं। दोनों की तबीयत अब स्थिर बताई जा रही है।
किसानों के तय रास्ते से हटने के बाद हुई थी हिंसा
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड बुलाई थी। हालांकि किसानों का एक धड़ा शुरूआत में ही तय रास्ते से हट गया और ITO होते हुए लाल किले की तरफ निकल गया। इस दौरान उनकी ITO और लाल किले समेत अन्य कई जगहों पर पुलिस के साथ जबरदस्त भिडंत हुई और किसानों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। पुलिस ने भी लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया।
कम से कम सात जगहों पर हुई पुलिस और किसानों की भिडंत
दिल्ली पुलिस के अनुसार, उनके और किसानों के बीच मुकरबा चौक, गाजीपुर, ITO, सीमापुरी, नांगलोई, टिकरी बॉर्डर और लाल किले आदि जगहों पर भिडंत हुई और इस दौरान 300 पुलिसकर्मी घायल हुए। उत्तर दिल्ली में 41, पूर्व दिल्ली में 34, पश्चिम दिल्ली में 27, द्वारका में 30, शहादरा में पांच, बाहरी-उत्तरी दिल्ली में 12 और दक्षिण दिल्ली में पांच पुलिसकर्मी घायल हुए। घायलों को लोकनायक अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज समेत कई अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया।
प्रदर्शनकारियों ने की पुलिसकर्मियों को रौंदने की कोशिश- पुलिस
हिंसा पर जारी अपने बयान में पुलिस ने कहा है, "दिल्ली पुलिस के मनाने के बावजूद घोड़े पर सवार और तलवार, कृपाण और फरसा जैसे हथियारों से लैस निहंगों के नेतृत्व में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और कई बैरिकेडों को तोड़ दिया।" पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लोहे की सराखों और डिवाइडरों को तोड़ने की कोशिश करने के साथ-साथ ट्रैक्टरों से पुलिसकर्मियों को रौंदने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया है।
बचने के लिए लाल किले की दीवारों से कूदे पुलिसकर्मी
इस हिंसा के कई वीडियो भी सामने आए हैं और लाल किले के ऐसे ही एक वीडियो में देखा जा सकता है कि किसान लाठियों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर रहे हैं और बचने के लिए पुलिसकर्मी दीवार से नीचे कूद रहे हैं।
हिंसा में आ रहा इन दो बड़े लोगों का नाम
इस बीच इस पूरे मामले में दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना पर किसानों को भड़काने का आरोप लग रहा है और सिद्धू लाल किले पर भी दिखे थे। किसान संयुक्त मोर्चा और किसान मजदूर संघर्ष समिति समेत विभिन्न किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि लाल किले पर हंंगामा करने वाले किसानों में सिद्धू और सिधाना के समर्थक शामिल थे। किसान संगठनों का कहना है कि इन दोनों के संगठन अलग से आंदोलन चला रहे हैं।