कर्नाटक: ऐतिहासिक मदरसे में घुसकर भीड़ ने की पूजा, नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
कर्नाटक के बीदर जिले में दशहरे के जुलूस में भाग ले रही भीड़ एक ऐतिहासिक मदरसे में घुस गई। भीड़ ने वहां नारे लगाए और पूजा-पाठ किया। पुलिस ने इस घटना के संबंध में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने स्थानीय पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
सदियों पुराना है मदरसा
बुधवार शाम भीड़ ताला तोड़कर बीदर के महमूद गवान मदरसे में घुसी थी। यह मदरसा 1460 के दशक में बना था और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के तहत आता है। इस इमारत को राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची में भी शामिल किया गया है। मामले की संवेदनशीलता और बड़े स्तर पर प्रदर्शन की संभावना के चलते प्रशासन ने मदरसे के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। मदरसे के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
मुस्लिम समुदाय का मदरसे को नुकसान पहुंचाने का आरोप
मुस्लिम समुदाय ने आरोप लगाया है कि भीड़ ने नारियल तोड़कर पूजा की और मदरसे के ढांचे को नुकसान पहुंचाया। हालांकि, पुलिस ने इस आरोप की पुष्टि नहीं की है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराते हुए आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐतिहासिक इमारत में गैरकानूनी तरीके से घुसने के आरोप में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मुस्लिम संगठनों ने कही प्रदर्शन की बात
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भीड़ ने मदरसे की सीढ़ियों पर खड़े होकर 'जय श्री राम' और 'हिंदू धर्म जय' के नारे लगाए। इसके बाद भीड़ इमारत के एक कोने में गई और वहां पूजा-पाठ किया। बीदर के कई मुस्लिम संगठनों ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो शुक्रवार की नमाज के बाद बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा।
ओवैसी ने राज्य सरकार पर उठाए सवाल
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्विटर पर इसका वीडियो शेयर करते हुए पूछा कि पुलिस और राज्य सरकार ऐसा कैसे होने दे सकती है? मुस्लिमों को नीचा दिखाने के लिए भाजपा ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। वहीं भाजपा के आलोचकों का कहना है कि पार्टी कर्नाटक की जमीन को सांप्रदायिक प्रयोगों के लिए इस्तेमाल कर रही है।