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संसद में बोले मंत्री नायडू- पूरे साल के लिए सीमित नहीं किया जा सकता हवाई किराया
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हवाई किराए को लेकर दिया अहम बयान

संसद में बोले मंत्री नायडू- पूरे साल के लिए सीमित नहीं किया जा सकता हवाई किराया

Dec 12, 2025
05:55 pm

क्या है खबर?

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापू ने शुक्रवार को हवाई किराए को सीमित करने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास असाधारण परिस्थितियों में हवाई किराए पर सीमा लगाने की शक्ति है, लेकिन सरकार पूरे वर्ष के लिए ऐसा नहीं कर सकती है। टिकटों की कीमतें आमतौर पर त्योहारी मौसम में बढ़ जाती हैं। उन्होंने हवाई किराए को विनियमित करने के लिए उचित उपायों की मांग वाले एक प्रस्ताव पर यह जवाब दिया।

बयान

नायडू ने क्या दिया बयान?

नायडू ने कोरोना वायरस महामारी और हाल ही में इंडिगो संकट में किराए की सीमा निर्धारित करने के उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा, "सरकार के पास असाधारण परिस्थितियों में हवाई किराए पर सीमा लगाने की शक्ति है, लेकिन इसे पूरे साल नहीं रखा जा सकता है।" उन्होंने कहा, "मैं किसी विशेष क्षेत्र के लिए पूरे वर्ष के लिए हवाई किराए को सीमित नहीं कर सकता हूं। बाजार की आपूर्ति और मांग को समझना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।"

मांग

त्योहारी मौसम में बढ जाती है मांग

नायडू ने कहा, "त्योहारी मौसम में खास जगह पर यात्रा की मांग बढ़ जाती है, जैसे कि क्रिसमस और ओणम के दौरान केरल में, तो खाड़ी देशों में काम करने वाले ज्यादातर लोग वापस लौटकर अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं। कुछ खास मार्गों पर मांग बढ़ने के कारण हवाई किराए में बढ़ोतरी होती है। दुर्गा पूजा में कोलकाता और दिवाली पर पूरे उत्तरी क्षेत्र में यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में किराया बढ़ जाता है।"

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किराया

मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होता है किराया- नायडू

नायडू ने कहा, "कंपनियां बाजार की मांग और आपूर्ति के हिसाब से किराए तय करती हैं, लेकिन हम जानते हैं कि कुछ विशेष मौसम होते हैं और उन मौसमों में क्षमता सीमित हो जाती है। हमने इंडिगो संकट के मामले में भी उसी के अनुसार प्रतिक्रिया दी है।" उन्होंने कहा, "इंडिगो की अफरा-तफरी में क्षमता की कमी थी और अन्य एयरलाइंस परिचालन में नहीं थीं। ऐसे में सरकार ने हस्तक्षेप किया और एयरलाइंस को कीमतें सीमित करने के लिए कहा।"

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उद्देश्य

हवाई किराए को सीमित करने का क्या था उद्देश्य?

नायडू ने कहा, "जब हवाई किराए को सिमित करने की शुरुआत की गई थी, तब इसका उद्देश्य हवाई क्षेत्र को विकसित होने देना था। विनियमन से बाजार में और अधिक कंपनियों के प्रवेश के लिए रास्ते खुलते हैं और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलता है।" उन्होंने आगे कहा, "हवाई किराए में विनियमन का अर्थ है बाजार की गतिशीलता को अपनाना, बाजार की आपूर्ति और मांग को अपनी भूमिका निभाने देना ताकि अंततः इसका लाभ यात्री को मिले।"

आवश्यक

विकास के लिए बाजार को नियमों से मुक्त करना आवश्यक- नायडू

नायडू ने कहा कि विकास के लिए बाजार को अभी भी नियमों से मुक्त करना आवश्यक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि प्रतिस्पर्धियों को मनमानी करने की छूट मिल जाए। अभी भी असाधारण परिस्थितियों में हस्तक्षेप करने के लिए केंद्र सरकार के पास पर्याप्त अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई बार हवाई किराए पर सीमा लगाने के लिए अपने अधिकारों का प्रयोग किया ताकि यात्रियों को अवसरवादी मूल्य निर्धारण का सामना न करना पड़े।

पृष्ठभूमि

सरकार ने इंडिगो संकट में निर्धारित किया था किराया

इंडिगो संकट के बीच अन्य एयरलाइंस द्वारा ज्यादा किराया वसूले जाने की खबरें आने के बाद सरकार ने 6 दिसंबर दूरी के हिसाब से किराया निर्धारित कर दिया था। उसमें 500 किलोमीटर तक हवाई सफर में 7,500 रुपए किराया निर्धारित किया था। इसी तरह 500 से 1000 किलोमीटर तक अधिकतम 12,000, 1,000 से 1,500 किलोमीटर तक अधिकतम 15,000 और 1,500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर अधिकतम 18,000 रुपये तक किराया निर्धारित किया था।

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