वापस लौट रहे मजदूरों की वजह से गांवों में फैल सकता है कोरोना वायरस- विश्व बैंक
क्या है खबर?
रविवार को अपनी एक रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा कि भारत में घर वापस लौट रहे प्रवासी मजदूर कोरोना वायरस को ग्रामीण इलाकों में फैलाने का कारक बन सकते हैं।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि शुरूआती जांच में संकेत मिले हैं कि भारत में ऐसे इलाकों में कोरोना वायरस के मामले सामने आने की पूरी संभावना है।
इसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी यही खतरा होने की बात कही है।
पलायन
लॉकडाउन की घोषणा के बाद लाखों मजदूरों ने किया था पलायन
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 25 मार्च से लॉकडाउन 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था। इस लॉकडाउन की घोषणा के बाद लाखों की संख्या में शहरों में रह रहे प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने गांवों की तरफ पलायन करने लगे थे।
उनके जरिए कोरोना के गांवों में पहुंचने के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें 14 दिन तक क्वारंटाइन करने को कहा था और लगभग सात लाख को क्वारंटाइन किया गया है।
रिपोर्ट
विश्व बैंक ने कहा- गांवों में संक्रमण ले जा सकते हैं मजदूर
अपनी विश्व बैंक ने अपनी छिमाही रिपोर्ट में इन मजदूरों की वजह से अभी तक कोरोना वायरस से अछूते रहे इलाकों में संक्रमण फैलने का अंदेशा जताया है।
इसमें कहा गया है, 'प्रवासी मजदूरों का प्रवाह आसानी से कोरोना वायरस को अन्य राज्यों और गांवों में ले जाने का कारक बन सकता है।'
हालांकि दक्षिण एशिया (भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश) में 65 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या कम होने को एक फायदा बताया गया है।
रिपोर्ट
लाखों प्रवासी मजदूर हुए लॉकडाउन से प्रभावित- विश्व बैंक
विश्व बैंक के अनुसार, लॉकडाउन की वजह से भारतीय उपमहाद्वीप में लाखों प्रवासियों पर असर पड़ा है जिनमें से कई दैनिक मजदूर हैं और शहरों में अब उनके लिए कोई काम नहीं बचा है जिसके कारण वे पैदल ही घरों की तरफ लौट रहे हैं।
इसके अनुसार, मजदूरों को शहरों में रहकर भूखे मरने या सैंकड़ों मील की घातक पैदल यात्रा कर घर पहुंचने में से किसी एक चीज को चुनना है।
चुनौती
अधिक जनसंख्या घनत्व वाले इलाकों में संक्रमण रोकना बड़ी चुनौती- रिपोर्ट
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि दक्षिण एशिया दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला इलाका है और इलाके में कोरोना वायरस के घरेलू ट्रांसमिशन को रोकना एक बड़ी चुनौती होगा।
इसमें लिखा है, 'इससे संक्रमण आसानी से फैलता है, विशेषकर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों और प्रवासी मजदूर जैसे सबसे कमजोर लोगों में।'
रिपोर्ट में जिन इलाकों में प्रवासी मजदूर पहुंच रहे हैं वहां कोरोना वायरस के मामले सामने आने की संभावना जताई है।
विकास पर असर
पिछले 40 साल में सबसे कम हो सकती है भारत की विकास दर- विश्व बैंक
विश्व बैंक ने कोरोना वायरस के कारण भारत की GDP विकास दर पर भी असर पड़ने और पिछले 40 साल में सबसे कम रहने की आशंका भी जताई है।
बैंक के अनुमान के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक विकास दर 1.5 प्रतिशत से लेकर 2.8 प्रतिशत तक रह सकती है।
हालांकि 31 मार्च को खत्म हुए 2019-20 वित्त वर्ष में विकास दर 4.5 से पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
जानकारी
भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
रविवार सुबह आठ बजे तक भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के 8,356 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं 273 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 1,761 संक्रमित हुए हैं और 127 लोगों की मौत हुई है।