मणिपुर: कुकी संगठन ने हटाई राजमार्गों की आर्थिक नाकेबंदी
क्या है खबर?
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच खबर आई है कि एक अहम कुकी संगठन ने राजधानी इंफाल को जोड़ने वाले 2 राष्ट्रीय राजमार्गों (NH-2 और NH-35) से आर्थिक नाकाबंदी हटा दी है।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, नाकाबंदी 12 दिन बाद हटाई गई है। दीमापुर (नागालैंड) और सिलचर (असम) को इंफाल से जोड़ने वाले खंडों में नाकाबंदी के कारण मैतेई बहुल इंफाल इंफाल और राज्य के अन्य हिस्सों में माल की आपूर्ति प्रभावित हुई थी।
नाकाबंदी
आदिवासी एकता समिति ने लगाई थी नाकाबंदी
कुकी संगठन आदिवासी एकता समिति (COTU) ने एक बयान में कहा, "समिति ने कुकी-जो क्षेत्रों में कानून व्यवस्था के चुनिंदा कार्यान्वयन के लिए आर्थिक नाकेबंदी लगाई थी। हालांकि, काफी विचार-विमर्श के बाद समिति ने क्षेत्र में साथी आदिवासियों की कठिनाइयों को समझते हुए नाकेबंदी को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला लिया है।"
उसने कहा कि नाकाबंदी आगे कभी भी लागू की जा सकती है। COTU कांगपोकपी का संगठन है, जिसने 15 नवंबर को नाकाबंदी लगाई थी।
हिंसा
मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच चल रही है हिंसा
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी। तभी से दोनों समुदायों में हिंसा जारी है।
यहां बहुसंख्यक मैतेई 53 प्रतिशत हैं, जो इंफाल घाटी में रहते हैं और आदिवासी कुकी 40 प्रतिशत हैं, जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
मणिपुर हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों बेघर हुए हैं।