कंपनी के पैसे खर्चने पर नियोक्ता ने किया कर्मचारी को प्रताड़ित, निजी अंगों पर छिड़का सैनिटाइजर
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन में राजधानी दिल्ली में फंसे पुणे की कंपनी के एक कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा अपहरण कर प्रताड़ित करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। लंबी प्रताड़ना के बाद नियोक्ता के चंगुल से छूटे कर्मचारी ने खुद को अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार कराया तथा गत गुरुवार को पौड पुलिस थाने पहुंचकर नियोक्ता और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।
लॉकडाउन में दिल्ली में फंसने पर खर्च किए थे कंपनी के पैसे
पौड पुलिस थानाप्रभारी ने बताया कि पीड़ित पुणे में कलाकारों की पेंटिंगों की प्रदर्शनी करने वाली एक कंपनी में प्रबंधक के पद पर कार्यरत था। मार्च में वह कंपनी के काम से दिल्ली गया था। उसी दौरान लॉकडाउन की घोषणा हो गई और वह वहां फंस गया। इस दौरान होटल में रहने-खाने के लिए उसने कंपनी के पैसे खर्च कर दिए। इसके बाद 7 मई को वह जैसे-तैसे कर वापस पुणे पहुंचा तो पैसों को लेकर विवाद हो गया।
फोन और डेबिट कार्ड गिरवी रखकर होटल में बिताए 17 दिन
थानाप्रभारी ने बताया कि पीड़ित के 7 मई को पुणे पहुंचने के बाद कंपनी के मालिक ने उसे अपने खर्चे पर 17 दिन होटल में क्वारंटाइन रहने को कहा। उसके पास होटल में रुकने के पैसे नहीं थे, इसके बाद भी उसने अपना मोबाइल फोन और डेबिट कार्ड गिरवी रखकर क्वारंटाइन अवधि पूरी कर ली। इसके बाद जब वह वापस कंपनी में पहुंचा तो कंपनी के मालिक ने उस पर खर्च किए पैसे लौटाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
पैसे नहीं लौटाने पर कंपनी मालिक ने दोस्तों के साथ किया अपहरण
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित के पैसे नहीं चुकाने पर 13 जून को कंपनी के मालिक ने अपने दो अन्य साथियों के साथ उसे धोखे से बुलाकर कार में बैठा लिया और उसका अपहरण कर कोथरूड स्थित कंपनी के कार्यालय में ले गए। वहां कंपनी मालिक के दो साथियों ने उसकी जमकर पिटाई की और उसके निजी अंगों पर बार-बार सैनिटाइजर छिड़का गया। बाद में उन्होंने उसे छोड़ दिया और इसके बाद उसने अस्पताल पहुंचकर उपचार कराया।
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दी जा रही है दबिश
थानाप्रभारी ने बताया कि कर्मचारी की शिकायत के आधार पर कंपनी मालिक और उसके दो अन्य साथियों के खिलाफ अपहरण और प्रताड़ना का मामला दर्ज कर लिया है। तीनों आरोपियों की तलाश के लिए उनके घर और कार्यालय में भी दबिश दी गई थीं, लेकिन वो वहां नहीं मिले। थानाप्रभारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है और आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कर्मचारी के साथ इस तरह का बर्ताव शोभनीय नहीं है।