भारतीय सेना में भर्ती के बिना ही महीनों तक नौकरी करता रहा उत्तर प्रदेश का युवक
भारतीय सेना में एक युवक की भर्ती को लेकर बड़ा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का रहने वाला यह युवक चार महीने तक कार्यरत रहा, जबकि असलियत में उसकी नियुक्ति कभी हुई ही नहीं थी। इस मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि नौकरी कर रहे युवक को भी खुद भी इस बारे में कोई अंदेशा नहीं था। युवक ने मामले में खुद FIR भी दर्ज करवाई है।
क्या है पूरा मामला?
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मनोज कुमार नामक युवक पंजाब के पठानकोट जिले के 272 ट्रांजिट कैंप में टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) की 108वीं इन्फैंट्री बटालियन में कथित तौर पर नियुक्त था। इस दौरान कुमार के पास सेना की वर्दी और पहचान पत्र भी मौजूद था। गौरतलब है कि उस समय बटालियन के पास बॉर्डर कैंप की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी थी, जहां से सेना की यूनिट्स का काफी मूवमेंट होता था।
मामले में युवक का क्या है कहना?
बतौर रिपोर्ट्स, कुमार की मुलाकात मेरठ के दरौला के रहने वाले राहुल सिंह नामक एक शख्स से हुई थी, जिसने 16 लाख रुपये के बदले सेना में भर्ती करवाने की बात कही थी। वहीं, युवक ने बताया कि कैंप पहुंचने पर पाककला का टेस्ट लिया गया, जिसके बाद उसका मेडिकल परीक्षण भी किया गया। कुमार के अनुसार, राहुल सिंह ने उनसे शुरुआत में कई तरह के काम करवाए जाने की बात भी कही थी।
कैसे हुआ पूरे मामले का खुलासा?
युवक ने कैंप में रहने के दौरान अपने साथियों को अपना कथित नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र दिखाया था, जिसे उन्होंने फर्जी बताया। वहीं, शक गहराने पर कुमार के साथियों ने इसकी सूचना मिलिट्री इंटेलिजेंस को दी थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई।
सेना में 4 महीने तक कार्यरत रहा युवक
सेना के सूत्रों ने बताया कि मनोज कुमार जुलाई में अपनी कथित नियुक्ति के बाद चार महीने तक कार्यरत रहे। इस दौरान उन्हें प्रति महीने 12,500 रुपये का वेतन भी मिलता रहा। आरोपी राहुल सिंह युवक को कथित नियुक्ति का विश्वास दिलाने के लिए वर्दी में चौकी तक बुलाता था और उसे सिपाही की ड्यूटी करने के लिए एक राइफल भी देता था। युवक के राइफल पकड़े हुए एक वीडियो भी सामने आया है।
मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई?
मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिली जानकारी के बाद मेरठ पुलिस ने फर्जी नियुक्ति के इस मामले में आरोपी सिंह और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है जबकि एक साथी अभी फरार है। गौरतलब है कि 2019 में सेना में भर्ती हुए सिंह ने अक्टूबर में स्वास्थ्य संबंधी के कारण नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान सिंह के एक वरिष्ठ अफसर बनकर युवाओं को सेना में नौकरी दिलवाने का झांसा देता था।