झारखंड: 'पवित्र' माने जाने वाले पेड़ों को काटने पर शख्स की मॉब लिचिंग
क्या है खबर?
झारखंड के सिमडेगा जिले में जंगल के पेड़ों को काटने पर एक शख्स की मॉब लिंचिंग कर दी गई। सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पीड़ित पर हमला किया और उसके घर से कुछ ही दूरी पर उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी। उसके शव को जला भी दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी ग्रामीण काटे गए पेड़ों को पवित्र मानते थे और पीड़ित के उन्हें काटने को लेकर नाराज चल रहे थे।
मामला
काफी समय से पेड़ काटकर उनकी तस्करी कर रहा था पीड़ित संजू प्रधान
घटना सिमडेगा के कोलेबिरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बेसराजारा गांव की है। छपरीडीपा गांव का रहने वाला 34 वर्षीय संजू प्रधान पिछले काफी समय से यहां के जंगल की लकड़ियां काटकर उनकी तस्करी करता था।
ग्रामीण इन पेड़ों को पवित्र मानते थे, इसलिए उन्होंने संजू के पेड़ काटने पर आपत्ति जताई। उन्होंने जुलाई में इस संबंध में वन विभाग के साथ बैठक भी की और पंचायत करके संजू को इलाके से पेड़ न काटने का आदेश दिया था।
घटनाक्रम
पंचायत के आदेश के बावजूद संजू ने फिर काटे पेड़
पंचायत के इस आदेश का उल्लंघन करते हुए संजू ने कुछ दिन पहले एक बार फिर से पेड़ काट लिए जिससे ग्रामीण नाराज हो गए और उन्होंने फिर से पंचायत बुलाई।
संजू को भी पंचायत में बुलाया गया था, लेकिन जब वो इसमें नहीं पहुंचा तो पंचायत ने उसे पीटने का आदेश दिया। इसके बाद गुस्साई भीड़ संजू के घर पहुंची और उसके परिजनों के सामने ही उसे पीटते हुए बेसराजारा ले आए जहां पंचायत हुई थी।
हत्या
ग्रामीणों ने संजू को पहले लाठी-डंडों से पीटा और फिर जलाया
बेसराजारा लाने के बाद ग्रामीणों ने संजू की लाठी-डंडों से जमकर पिटाई की और बाजार के पास उसे मौत के घाट उतार दिया। वे यहीं नहीं रुके और पास में ही पड़ी लकड़ियों की मदद से उसके शव को आग लगा दी।
घटना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां बहुत भीड़ मौजूद थे और वे ग्रामीणों से बातचीत करने के बाद ही संजू के शव तक पहुंच सके। उनके पहुंचने तक शव लगभग जल चुका था।
कार्रवाई
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया संजू का शव, अभी कोई गिरफ्तारी नहीं
सिमडेगा के पुलिस प्रमुख डॉ शम्स तबरेज ने बताया कि संजू के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उसके मौत पीटने से हुई या जलने से।
मामले में FIR भी दर्ज कर ली गई है, लेकिन सैकड़ों लोगों के इसमें शामिल होने के कारण अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा चुका है।
एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
विधेयक
दो हफ्ते पहले ही पारित हुआ था मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए विधेयक
गौरतलब है कि ये घटना ऐसे समय पर हुई है जब दो हफ्ते पहले ही झारखंड विधानसभा ने प्रिवेंशन ऑफ मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग बिल पारित किया है। इसका उद्देश्य राज्य में भीड़ की हिंसा और मॉब लिंचिंग को रोकना है।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिमडेगा की घटना का संज्ञान लिया है और ट्वीट करते हुए पुलिस और जिला प्रशासन को मामले में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।