मुंबई: व्हेल की उल्टी बेचने के आरोप में व्यक्ति गिरफ़्तार, जानें मामला
अगर आपसे कोई कहे कि उल्टी का भी कारोबार होता है, तो शायद आपको यक़ीन न हो। लेकिन हाल ही में मुंबई पुलिस ने एक 53 वर्षीय व्यक्ति को उल्टी बेचने के आरोप में गिरफ़्तार किया है। दरअसल, यह कोई आम उल्टी नहीं बल्कि समुद्र की सबसे बड़ी मछली व्हेल की उल्टी (एम्बरग्रिस) थी। आपको जानकार हैरानी होगी कि व्यक्ति के पास से 1.3 किलो एम्बरग्रिस बरामद किया गया, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय काले बाज़ार में 1.7 करोड़ रुपये है।
पुलिस ने की गुप्त सूचना पर कार्यवाई
बता दें कि पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने एक गुप्त सूचना पर कार्यवाई करते हुए शनिवार को उपनगरीय विद्याविहार क्षेत्र के कामा लेन में जाल बिछाया और राहुल दुपारे नामक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज
इस पूरी घटना पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने उसके पास से 1.7 करोड़ रुपये की एम्बरग्रिस ज़ब्त की है। यह प्रतिबंधित वस्तु है। हमने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और दुपारे को गिरफ़्तार किया है।" पुलिस के अनुसार, स्पर्म व्हेल, व्हेल की एक लुप्तप्राय प्रजाति है। कोई भी व्यक्ति इस मछली के किसी अंग या पदार्थ की तस्करी नहीं कर सकता है।
क्या है स्पर्म व्हेल?
स्पर्म व्हेल सबसे बड़े दाँत वाली शिकारी मछली है। यह जीनस फिज़िटर की विलुप्त हो रहीं प्रजातियों में से एकमात्र जीवित सदस्य है। स्पर्म व्हेल लगभग 60 साल तक जीवित रहती है और साइज़ के हिसाब से इसका दिमाग धरती पर सबसे बड़ा है। स्पर्म व्हेल के नर और मादा एक साथ समूहों में रहते हैं, जबकि परिपक्व नर संभोग के मौसम में बाहर एकांत में रहते हैं। मादा हर चार से 20 साल में जन्म देती है।
क्या है एम्बरग्रिस?
आपको बता दें कि स्पर्म व्हेल की आँतों में मोम जैसा तरल पदार्थ होता है, जो उल्टी करने पर बाहर आता है, जिसे एम्बरग्रिस कहते हैं। यह सुगंधित होता है और इसका इस्तेमाल महँगे इत्र, स्प्रे, दवाओं, सुगंधित तेल, ल्यूब्रिकेंट्स आदि बनाने में किया जाता है। इसके अलावा एम्बरग्रिस का इस्तेमाल सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली दवाओं में भी किया जाता है। मध्य युग में यूरोपीय लोग इसका इस्तेमाल सिरदर्द, मिर्गी और सर्दी की दवाओं के रूप में करते थे।
क्यों इतना महँगा बिकता है एम्बरग्रिस?
जानकारी के अनुसार, एम्बरग्रिस सभी मछलियों में नहीं निकलता है और बहुत कम पाया जाता है। इसके साथ ही इसके इस्तेमाल से कई महँगी चीज़ें बनाई जाती हैं, इसलिए इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय काले बाज़ार में बहुत ज़्यादा है।