मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक सरकार को वापस लौटाई आवंटित जमीन, जानिए क्या है कारण
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ चल रही मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) जमीन घोटाले की जांच के बीच बड़ा कदम उठाया है। खड़गे और उनके परिवार ने कर्नाटक सरकार की ओर से सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को आवंटित 5 एकड़ जमीन वापस करने का फैसला किया है। इस जमीन का स्वामित्व खड़गे परिवार के पास ही है। बता दें कि सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के अध्यक्ष खड़गे के बेटे राहुल एम खड़गे हैं।
KIADB ने किया था जमीन का आवंटन
कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (KIADB) ने यह जमीन खड़गे के बेटे राहुल को बेंगलुरु में 45.94 एकड़ में फैले हाई-टेक डिफेंस एंड एयरोस्पेस पार्क के हार्डवेयर क्षेत्र में आवंटित की थी। हालांकि, KIADB की ओर से किए गए इस आवंटन की कड़ी आलोचना हुई और भाजपा के अमित मालवीय ने सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने और भाई-भतीजावाद का आरोप लगा दिया। यह 5 एकड़ जमीन अनुसूचित जाति (SC) कोटे के तहत आवंटित की गई थी।
औपचारिक शिकायत में लगाया भूमि आवंटन में अनियमितता का आरोप
RTI कार्यकर्ता दिनेश कल्लाहल्ली ने अगस्त में राज्यपाल थावर चंद गहलोत के समक्ष आवंटन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी। कल्लाहल्ली इन आरोपों को लेकर कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल पर मुकदमा चलाने की मांग की है। हालांकि, मंत्री पाटिल ने किसी भी गलत काम से इनकार करते हुए कहा कि राहुल एक योग्य आवेदक है और साइट को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से मंजूरी दी गई थी।
लोकायुक्त अधिकारियों ने शुरू की MUDA भूमि घोटाले की जांच
बता दें कि लोकायुक्त अधिकारी MUDA भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती पर लगे आरोपों की जांच कर रहे हैं। इसमें 1935 से लेकर अब तक के रिकार्डों की जांच और मामले के प्रमुख लोगों से पूछताछ शामिल है। सिद्धारमैया पर पद का दुरुपयोग कर भूमि को गैर अधिसूचित करने तथा करोड़ों की भूमि को अपनी पत्नी के नाम पर कराने का आरोप है। 25 सितंबर को विशेष अदालत ने लोकायुक्त को जांच के आदेश दिए थे।