महाराष्ट्र: कोरोना जांच के लिए अस्पताल आने वाले सभी शवों का होगा एंटीजन टेस्ट
महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में आने वाले हर शव का कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाएगा। राज्य सरकार की तरफ से जारी एक नए सर्कुलर में कहा गया है कि संक्रमण की जांच के लिए TrueNat/CBNAAT जैसे टेस्ट किए जाएंगे ताकि शवों को जल्दी उनसे संबंधित परिवारों या लोगों को सौंपा जा सके। गौरतलब है कि 10 लाख से ज्यादा संक्रमितों के साथ महाराष्ट्र कोरोना से देश का सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य है।
राज्य में क्या है संक्रमण के हालात?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में अब तक 10,77,374 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिनमें से 29,114 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां के मुंबई, पुणे और ठाणे में सोमवार तक क्रमश: 8,109, 4,754 और 4,134 मौतें हुई हैं। इनके अलावा जलगांव, नासिक और नागपुर आदि ऐसे जिले हैं, जहां कोरोना के कारण जान गंवाने वालों की संख्या 1,000-1,000 से ऊपर है। वहीं पूरे राज्य में 2,91,630 सक्रिय मामले हैं, जो देशभर में सबसे ज्यादा है।
कई अस्पतालों के मुर्दाघर पूरी तरह भरे
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, महाराष्ट्र के कई जिलों के मुर्दाघर पूरी तरह से भर चुके हैं। उदाहरण के तौर पर पुणे के ससून सामान्य अस्पताल में रोजाना 40-50 मौतें हो रही हैं और कम से कम 15 मृतकों को यहां लाया जा रहा है। इसी तरह नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में रोज औसतन 30-35 लोग दम तोड़ रहे हैं और 10 मृतकों को बाहर से लाया जा रहा है। इस वजह से मुर्दाघर पूरी तरह भरे हुए हैं।
"बढ़ते संक्रमण के कारण लिया गया फैसला"
इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण मृतकों का एंटीजन टेस्ट करने का फैसला किया गया है। चूंकि इन टेस्ट का नतीजा एक घंटे में सामने आ जाता है इसलिए मृतकों के शव सौंपने में आसानी होगी और यह काम तेजी से किया जा सकेगा। बता दें अस्पताल या मेडिकल देखरेख में कोरोना के कारण हुई मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है।
क्या होता है रैपिड एंटीजन टेस्ट?
कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाता है। इसमें संदिग्ध मरीज के नाक से स्वैब लेकर वायरस में पाए जाने वाले एंटीजन का पता लगाया जाता है। इसका नतीजा एक घंटे से भी कम समय में सामने आ जाता है। अगर इसमें सैंपल का नतीजा पॉजीटिव आता है तो यह लगभग 100 प्रतिशत विश्वसनीय माना जा सकता है, लेकिन 30-40 प्रतिशत मामलों में यह फॉल्स नेगेटिव भी दिखा सकता है।
ऐसे मामलों में शवों की नहीं होगी फॉरेंसिक ऑटोप्सी
सर्कुलर में कहा गया है कि संदिग्ध कोरोना संक्रमितों की लाश अस्पताल में मेडिको लीगल केस के तहत लेबल किया जा सकता है। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर यह लेबल कर लाश को मुर्दाघर में भेजेगा और पुलिस को इसकी सूचना देगा। पुलिस मौत का कारण जानने के लिए लाश की मेडिको लीगल ऑटोप्सी करा आगे की कार्रवाई करेगी। गाइडलाइंस में कहा गया है कि ऐसे मामलों में लाश की फॉरेंसिक ऑटोप्सी नहीं की जाएगी।
देश में 50 लाख की तरफ जा रही संक्रमितों की संख्या
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से उछलते हुए 50 लाख की तरफ बढ़ रही है। बीते दिन पूरे देश में 83,809 नए मामले सामने आए और 1,054 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। कई दिन बाद 90,000 से कम नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ भारत में कुल संक्रमितों की संख्या 49,30,236 हो गई है, वहीं 80,776 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या 9,90,061 है।