मध्य प्रदेश: 10,000 रुपये वेतन लेने वाला शिक्षक चार कॉलेजों का मालिक, मिली करोड़ों की संपत्ति
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पिछले 15 सालों से एक प्राथमिक सरकारी स्कूल में कार्यरत एक शिक्षक चार कॉलेजों सहित करोड़ों रुपये की संपत्ति की मालिक निकला है।
मध्य प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की छापेमार कार्रवाई में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
EOW की टीम ने शनिवार को शिक्षक के विभिन्न ठिकानों पर छापे मारते हुए विभिन्न संपत्तियों की दस्तावेजों सहित 7.5 लाख रुपये की नकदी और जेवर भी बरामद किए हैं।
प्रकरण
EOW ने आय से अधिक की संपत्ति की सूचना पर की कार्रवाई
ग्वालियर में EOW के पुलिस अधीक्षक (SP) बिट्टू सहगल ने बताया कि आरोपी शिक्षक प्रशांत परमार है और वह राजस्थान के धौलपुर जिले के बाड़ी कस्बे का मूल निवासी है।
उन्होंने बताया कि परमार ने 2006 में घाटीगांव में प्राथमिक विद्यालय में 3,500 रुपये प्रतिमाह के वेतन पर संविदा शिक्षक के तौर पर कार्य ग्रहण किया था। वर्तमान में उसे 10,400 रुपये वेतन मिल रहा है। गत दिनों उसके खिलाफ आय से अधिक की संपत्ति होने की शिकायत मिली थी।
कार्रवाई
EOW टीम की छापेमारी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
SP सहगल ने बताया कि EOW टीमों ने शनिवार को परमार के ग्वालियर स्थित चार बहुमंजिला बंगलों और चार कॉलेजों सहित अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान टीम ने उसके एक बंगले से 7.5 लाख रुपये की नगदी, 36 लाख रुपये के जेवरात और अन्य संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद किए थे।
उन्होंने बताया कि छापेमारी में परमार और उसके भाइयों के ग्वालियर और आसपास के क्षेत्र में 20 से अधिक कॉलेज-स्कूल होने की पुष्टि हुई है।
खुलासा
इन संपत्तियों का मालिक निकला परमार
SP सहगल ने बताया कि छापेमारी में मिले दस्तावेजों के आधार पर परमार चार कॉलेज, एक निजी स्कूल और चार आलीशान बंगलों के अलावा दो मैरिज हॉल, शहर के एक व्यावसायिक परिसर में एक कार्यालय और अन्य जमीनों का मालिक पाया गया है। इसके अलावा उसके कई बैंक खाते और लॉकर भी होने की पुष्टि हुई है।
उन्होंने बताया कि परमार नूराबाद में चार कॉलेजों में नर्सिंग और Bed पाठ्यक्रम के जरिए मोटी कमाई अर्जित कर रहा था।
अनुमान
परमार के पास हुई 2.13 करोड़ की संपत्ति होने की पुष्टि
SP सहगल ने बताया कि सरकारी नौकरी से परमार की 16 साल की आय लगभग 20 लाख रुपये है, लेकिन कार्रवाई में उसके पास 2.13 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की पुष्टि हुई है। जांच आगे बढ़ने पर यह संख्या और बढ़ सकती है।
उन्होंने बताया कि अभी इन कॉलेजों को मान्यता मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में यह भी जांच की जा रही है कि वह किस आधार पर इन कॉलेजों में अध्यापन कार्य करा रहा था।
जानकारी
झारखंड तक फैला हुआ है परमार का नेटवर्क
SP सहगल ने बताया कि जांच में परमार का नेटवर्क झारखंड तक फैला होना पाया गया है। उसके ठिकानों से कई सरकारी दफ्तरों और अधिकारियों की स्टैम्प सील मिली हैं। ऐसे में इनका दुरुपयोग कर कमाई करने की संभावना भी नजर आ रही है।
जीवन
रहीशों जैसी जिंदगी जी रहा था परमार का परिवार
EOW टीम के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि परमार रहीशों जैसी जिंदगी जी रहा था। वह विदेशों में घूमने का शौकीन निकला है। उसके पास कई देशों के वीजा मिले भी मिले हैं। पिछले साल उसने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अमेरिका में एक महीने तक मौज मस्ती भी की थी।
उन्होंने बताया कि परमार के ग्वालियर स्थित दफ्तर बड़े-बड़े रईसों के ऑफिस जैसे हैं। उसके दफ्तर 17 लाख रुपये कीमत के केवल कांच के फर्नीचर थे।