उत्तराखंड: उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजूदरों को भेजे जाएंगे लूडो और ताश के पत्ते
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पिछले 13 दिन से सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों का मन बहलाने के लिए लूडो और ताश के पत्ते भेजे जाएंगे, ताकि उनका तनाव कम किया जा सके। मनोचिकित्सकों की सलाह पर राष्ट्रीय आपदा बचाव बल (NDRF) ने यह निर्णय लिया है। इससे बचाव अभियान में आ रहे व्यवधान का असर मजदूरों की मानसिक स्थिति पर नहीं पड़ेगा। इस बीच मजदूरों को बाहर निकालने का अभियान अपने अंतिम चरण में है।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
बचाव स्थल पर मौजूद मनोचिकित्सक डॉ रोहित गोंडवाल ने बताया कि सभी मजदूर स्वस्थ हैं, लेकिन उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखना जरूरी है, इसलिए लूडो-शतरंज और ताश देकर उनका तनाव दूर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सुरंग के अंदर अपने को मजबूत बनाए रखने के लिए मजदूर 'चोर-पुलिस' जैसे खेल खेल रहे हैं। वे रोजाना योग और व्यायाम भी करते हैं। चिकित्सक प्रतिदिन मजदूरों से बातचीत कर उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति की जानकारी ले रहे हैं।
बचाव अभियान में क्यों लग रहा समय?
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए किए जा रहे बचाव अभियान में कई बाधाएं आ रही हैं। गुरुवार को रात में सुरंग का मलबा हटाते समय पाइप डालने का काम रोकना पड़ा और जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिल मशीन लगी हुई थी, उसमें दरारें आने से ड्रिलिंग बंद करनी पड़ी। शुक्रवार को भी सुबह ड्रिलिंग समय पर शुरू नहीं हो पाई। इस वजह से समय लग रहा है।