उत्तर प्रदेश: कासगंज में पुलिसकर्मियों पर शराब माफिया का हमला, सिपाही की मौत
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में बीती रात शराब माफियाओं के खिलाफ नोटिस चस्पा करने गए सब इंस्पेक्टर और सिपाही पर हमला हो गया। शराब माफिया ने सब इंस्पेक्टर और सिपाही को बंधक बनाकर बुरी तरह पीटा। सिपाही की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई और सब इंस्पेक्टर की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना जिले के सिढुपुरा थाने के अंतर्गत आने वाले नगला धीमर और नगला भिकारी गांव की है। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
क्या है पूरी घटना?
बतौर रिपोर्ट्स, मंगलवार शाम अवैध शराब बनाने की सूचना मिलने पर सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार और सिपाही देवेंद्र बाइक लेकर मौके पर पहुंचे थे। यहां पर आरोपियों ने दोनों को बंधक बना लिया। यहां उनकी वर्दी उतारकर बुरी तरह पीटा गया। दोनों को बुरी तरह घायल आरोपी फरार हो गए। लगभग डेढ़ घंटे बाद घटना की जानकारी मिलने पर पुलिसबल मौके पर पहुंचा और घायल पुलिसकर्मियों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उन्हें अलीगढ़ रेफर किया गया।
सिपाही के परिजनों को 50 लाख के मुआवजे का ऐलान
अलीगढ़ ले जाते समय रास्ते में सिपाही देवेंद्र की मौत हो गई और सब इंस्पेक्टर की हालत गंभीर बनी हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपये के मुआवजे और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। IG पीयूष मोर्डिया ने बताया कि दोनों पुलिसकर्मी जहरीली शराब के मामले में कुर्की पूर्व नोटिस चस्पा करने गए थे। वहां आरोपियों ने दोनों को बंधक बना लिया। मौके से शराब की भट्टी का सामान मिला है।
सरकार ने दिए कठोर कार्रवाई के आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत मामला दर्ज करने को कहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि सरकार अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। कानून-व्यवस्था के संबंध में किसी भी प्रकार का समझौता न करते हुए सम्बन्धित दोषियों के विरुद्ध अविलम्ब व सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यहां देखिये घटनास्थल का वीडियो
विकास दुबे मामले की यादें हुईं ताजा
कासगंज में पुलिसकर्मियों पर हुए हमले ने कानपुर के बिकरू कांड की याद दिला दी है। यहां पिछले साल माफिया विकास दुबे के घर पर दबिश देने गई पुलिस टीम पर जानलेवा हमला हुआ था। दुबे को पहले से इस दबिश की जानकारी थी और उसने छत्तों पर अपने आदमियों को हथियारों के साथ तैनात कर दिया था। जैसे ही पुलिस टीम उसके घर के पास पहुंची, उस पर हमला हो गया। इसमें CO समेत कई पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।