केरल: भूस्खलन की सबसे पहले जानकारी देने वाली महिला तक नहीं पहुंची मदद, शव मिला
केरल के वायनाड में आए भयंकर भूस्खलन में उस महिला की भी मौत हो गई, जिन्होंने सबसे पहले आपातकालीन सेवा को खतरे की सूचना दी थी। महिला की पहचान नीतू जोजो के रूप में हुई है। वह चूरलमाला के एक निजी अस्पताल में कार्यरत थीं। उन्होंने ही सबसे पहले 30 जुलाई को प्राकृतिक आपदा की खबर अपने अस्पताल के प्रमुख और आपातकालीन सेवा को देकर अलर्ट किया था और मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका।
नीतू जोजो की कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हुई
भूस्खलन के दौरान चूरलमाला में अपने परिवार के साथ फंसी नीतू की मदद मांगने वाली और खतरे से आगाह करने वाली कॉल रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर सामने आई है। कॉल रिकॉर्डिंग में नीतू खतरे की भयावहता बताते हुए मदद मांग रही थीं। इसमें वह कह रही थीं कि पानी उनके घर के अंदर पहुंच गया है और पूरा घर भूस्खलन में बहकर आई कारों और अन्य मलबे से घिरा है। उनके घर में आसपास के लोगों ने शरण ली थी।
नीतू के पति और बेटा बचा
चूरलमाला हाई स्कूल रोड पर जोजो परिवार का घर काफी मजबूत माना जाता था, लेकिन भूस्खलन की तबाही में बहकर आए चूरलमाला पुल के धक्के से उनका घर भी बह गया। हादसे के समय नीतू के पति, बेटा और उनकी सास भी घर में थे, जो सभी अपने आप को बचाने में कामयाब रहे। नीतू का शव बचाव और राहत अभियान की टीम ने 3 दिन बाद अन्य स्थान से बरामद किया है।
अब तक 345 से अधिक की मौत
वायनाड त्रासदी में अब तक 345 से अधिक की मौत हो चुकी है, जिसमें 146 की पहचान हो चुकी है और 134 लोगों के शरीर के अंग मिले हैं। यहां राहत और बचाव कार्य जारी है। यहां 6 अगस्त को भारी बारिश का अनुमान है।