केरल में बुखार का प्रकोप; 15 दिनों में 1.50 लाख से ज्यादा मामले, 2 मौतें
केरल में बुखार का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा। इस महीने के शुरुआती 2 हफ्तों में यहां बुखार के 1.50 लाख मामले सामने आ चुके हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर अहतियात नहीं बरता गया तो मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं। बुखार से यहां न सिर्फ लोग बीमार हो रहे हैं बल्कि उन्हें जान भी गंवानी पड़ रही है। दिसंबर के 15 दिनों में बुखार से यहां 2 मौतें हो चुकी हैं।
2 हफ्तों में बुखार के 1,50,369 मामले
केरल में दिसंबर के पहले 2 हफ्तों में 1,50369 मामले सामने आ चुके हैं। इस रफ्तार को देखते हुए अंदेशा जताया जा रहा है कि इस महीने नवंबर की तुलना में ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं। पिछले महीने राज्य में बुखार के 2,62,190 मामले दर्ज हुए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि गंभीर लक्षणों वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है, यह चिंता की बात है। कुछ मरीजों में लंबे समय तक इसके लक्षण रहते हैं।
डॉक्टरों का क्या कहना है?
द इंडियन एक्सप्रेस ने एक डॉक्टर के हवाले से लिखा है कि इस स्थिति के पीछे कई कारण हैं। यह कोरोना वायरस महामारी के बाद का दौर है। साथ ही प्रतिरक्षा और मौसमी कारणों से भी वायरल बुखार के लक्षण लंबे समय तक बने रह सकते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण भी वायरल बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। बता दें कि पिछले साल भी केरल में बुखार के ऐसे ही हालात बने थे।
राज्य सरकार ने जारी किए दिशानिर्देश
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ समय से बुखार और दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं 5-6 दिनों तक बनी रहती हैं। ऐसे मामलों में अस्पताल जाकर जांच करवाना जरूरी हो जाता है। राज्य सरकार ने दिशानिर्देश जारी किए हैं, लोगों और डॉक्टरों को इनका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी मरीज को सांस लेने में परेशानी और ऑक्सीजन की कमी जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो उसे सावधान रहना चाहिए।
विशेषज्ञों ने दिए ये सुझाव
केरल के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की रिसर्च सेल के प्रमुख डॉ राजीव जयदेवान ने कहा कि अगर किसी मरीज को अज्ञात कारणों से 3-4 दिन तक बुखार रहती है तो उसे टेस्ट करवाना चाहिए। अगर लक्षण लंबे समय तक रहते हैं तो ये गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं। विशेषज्ञ लोगों को बीमारी के समय लगातार पानी पीते रहने, बुखार होने पर पैरासिटामोल के इस्तेमाल, घर पर भी मास्क पहनने और भीड़ से बचने का सुझाव दे रहे हैं।
बिना वजह एंटी-बायोटिक्स का न करें इस्तेमाल
विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल फीवर से बचने के लिए भीड़ में जाना से बचना चाहिए। अहतियात और स्वच्छता रखकर बीमारी से बचा जा सकता है। लोगों को बिना वजह एंटी-बायोटिक्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।