कर्नाटक के तहसीलदार ने सरकारी नौकरी की आलोचना की, कहा- पानीपुरी बेचने वाले की जिंदगी बेहतर
सरकारी कर्मचारियों पर काम का कितना दबाव है और वे किन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं, इसका खुलासा कर्नाटक के सरकारी अधिकारी ने किया। हासन जिले में होलेनरसीपुर के तहसीलदार केके कृष्णमूर्ति ने सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली और कर्मचारियों पर पड़ने वाले भारी दबाव के प्रति नाराजगी जताते हुए पानीपुरी बेचने वाले की जिंदगी को ज्यादा बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि पानीपुरी बेचना या फिर गोभी मंचूरियन विक्रेता बनना ज्यादा बेहतर है।
मंदिर भी नहीं ले जा पाते अधिकारी- तहसीलदार
इंडिया टुडे के मुताबिक, तालुक राज्य सरकारी कर्मचारी संघ के कार्यक्रम में बोलते हुए कृष्णमूर्ति ने कहा, "विक्रेता लगातार दबाव से मुक्त होकर खुशहाल जीवन जीते हैं। वे छुट्टियों पर जा सकते हैं, शांति से घर लौट सकते हैं और अपने जीवन का आनंद ले सकते हैं। इस बीच, सरकारी अधिकारी लगातार तनाव का सामना करते हैं, यहां तक अपने परिवारों को मंदिर भी नहीं ले जा पाते हैं। तकनीक ने हमारा बोझ कम करने के बजाय बढ़ा दिया है।"
बीमारियों को लेकर भी चिंता जताई
तहसीलदार ने आगे कहा, "वरिष्ठ अधिकारी व्हाट्सएप ग्रुप से प्रगति की निगरानी करते हैं और उसी दिन परिणाम मांगते हैं। कई बार गलत कारणों से देरी के परिणामस्वरूप विभागीय जांच होती है। गांव के लेखाकार प्रतिशोध के डर से दिक्कतों को उठा नहीं पाते और शिक्षक शिक्षा के बजाय बच्चों को अंडे और नाश्ता वितरित करने जैसी सरकारी योजनाओं के बोझ से दबे रहते हैं।" अधिकारी ने कहा कि इससे अधिकारियों की सेहत पर असर पड़ रहा है।