कर्नाटक: अंडकोष दबाना 'हत्या का प्रयास' नहीं, हाई कोर्ट ने कम की दोषी की सजा
क्या है खबर?
कर्नाटक हाई कोर्ट ने झगड़े के दौरान एक व्यक्ति के अंडकोष दबाने के मामले में 7 साल की सजा पाने वाले एक दोषी को राहत दी और उसकी सजा 4 साल कम कर दी।
कोर्ट ने कहा कि अंडकोष दबाना 'हत्या का प्रयास' नहीं हो सकता है, अगर आरोपी का इरादा हत्या का होता तो वह अपने साथ हथियार लेकर आता।
हाई कोर्ट ने यह फैसला निचली कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है।
फैसला
क्या है मामला?
पीड़ित ओंकारप्पा की शिकायत थी कि गांव में मेले के दौरान आरोपी परमेश्वरप्पा ने झगड़ा किया और ओंकारप्पा के अंडकोष को दबा दिया। इससे उसे गंभीर चोट आई और बाद में सर्जरी भी हुई।
घटना 2010 में हुई थी और निचली कोर्ट में सुनवाई के बाद 2012 में आरोपी परमेश्वरप्पा को दोषी ठहराते हुए धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास में 7 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद परमेश्वरप्पा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।