कर्नाटक हाई कोर्ट से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को राहत, MUDA घोटाले में CBI जांच की याचिका खारिज
क्या है खबर?
कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को राहत देते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की पीठ ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाला मामले में लोकायुक्त पुलिस की जांच रिपोर्ट पर गौर करते हुए कहा कि जांच स्वतंत्र है।
पीठ ने कहा कि CBI जांच, बताई गई बुराई के लिए रामबाण नहीं और जांच एकतरफा या बेकार नहीं लगती है।
याचिका
CBI जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ता ने क्या तर्क दिया था
सूचना का अधिकार कानून (RTI) कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने मामले में लोकायुक्त, CBI या किसी अन्य एजेंसी से जांच की मांग की थी, जिसके बाद एक विशेष कोर्ट ने 25 सितंबर, 2024 को लोकायुक्त पुलिस को जांच सौंपी थी।
हालांकि, कार्यकर्ता इससे संतुष्ट नहीं हुआ और वह CBI जांच की मांग के लिए 28 सितंबर को हाई कोर्ट पहुंच गया।
कार्यकर्ता ने तर्क दिया कि लोकायुक्त पुलिस राज्य के अधीन है, जिससे वह मामले की प्रभावी जांच नहीं कर रही।
घोटाला
क्या है MUDA विवाद?
सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास कर्नाटक के मैसूर के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी, जो उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उपहार में दी थी।
इस जमीन को MUDA ने विकास के लिए अधिग्रहित किया था, जिसके बदले पार्वती को विजयनगर तीसरे और चौथे चरण के लेआउट में 38,283 वर्ग फीट की जमीन दी गई।
आरोप है कि केसारे गांव की तुलना में इस जमीन की कीमत काफी ज्यादा है। मामले में ED जांच कर रही।