कर्नाटक हाई कोर्ट का चौंकाने वाला फैंसला, बंद किया नाबालिग से दुष्कर्म का मामला
कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक चौंकाने वाला फैसला सुनाते हुए एक साल से अधिक पुराने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले को बंद कर दिया है। दरअसल, कोर्ट ने दुष्कर्म के बाद मां बनी पीड़िता और उसके बच्चे के भविष्य को देखते हुए और आरोपी के हिंदू रीति-रिवाज से पीड़िता से शादी किए जाने को लेकर यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी को पीड़िता और उसके बच्चे का पूरा ध्यान रखने के लिए भी पाबंद किया है।
क्या है नाबालिग से दुष्कर्म का मामला?
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने जनवरी 2023 में एक नाबालिग से रेप किया था। उस समय पीड़िता की उम्र 16 साल 9 महीने थे। पीड़िता की मां की शिकायत पर POCSO अधिनियम में मामला दर्ज 16 फरवरी को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस बीच पीड़िता ने एक बेटी को भी जन्म दे दिया। पुलिस ने बताया कि मामले में आरोपी उसके खिलाफ केस रद्द करने और पीड़िता से शादी करने की मांग लेकर हाई कोर्ट पहुंचा था।
हाई कोर्ट ने आरोपी को दी जमानत
हाई कोर्ट ने 13 जून, 2024 को पीड़िता के 18 साल की होने पर आरोपी को शादी के लिए 15 दिन की अंतरिम जमानत दी। आरोपी 21 जून को पीड़िता से शादी कर 25 जून को शादी को हिंदू विवाह अधिनियम में पंजीकृत करा दिया।
हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने मामलों के आधार पर बंद किया मामला
जिस्टिस एम नागप्रसन्ना ने के ढांडापानी बनाम तमिलनाडु पुलिस और देवेंदर नाथ बनाम केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देने के साथ पीड़िता और उसके बच्चे के भावी जीवन को देखते हुए इस मामले को बंद करने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इन मामलों में पीड़िता के साथ-साथ आरोपी के हित को ध्यान में रखते हुए मामलों के निपटारे/समझौते की अनुमति दी थी।
होई कोर्ट ने की अहम टिप्पणी
न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने कहा, "नवजात शिशु को होने वाली घटनाओं के बारे में पता नहीं होगा। यदि मामला जटिल हुआ और याचिकाकर्ता को रिहा नहीं किया गया, तो मां और बच्चे को अधर में छोड़ दिया जाएगा और उनका भावी जीवन खराब हो जाएगा।" कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर आरोपी मामला बंद होने के बाद बच्चे और मां को बेसहारा छोड़ देता है, तो कानून के अनुसार कार्यवाही फिर से शुरू की जा सकती है।"