जम्मू-कश्मीर: शिक्षक से आतंकी बना आरोपी गिरफ्तार, बरामद हुआ खास तरह का 'परफ्यूम बम'
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शिक्षक से आतंकवादी बने एक शख्स को गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक अलग तरह का इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) भी बरामद हुआ है।
पुलिस के मुताबिक, 21 जनवरी को नरवाल इलाके में हुए बम विस्फोटों की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि आरिफ इन घटनाओं में शामिल था, जिसमें नौ लोग घायल हो गए थे।
पुलिस ने बताया कि रियासी जिले का रहने वाला आरिफ पहले सरकारी स्कूल में शिक्षक था।
IED
पहली बार बरामद हुआ परफ्यूम की बोतलनुमा IED
जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने कहा कि आरिफ के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध हैं। उसके पास से परफ्यूम की बोतलनुमा एक IED बरामद हुआ है।
उन्होंने कहा, "यह पहली बार है जब हमने एक परफ्यूम IED बरामद किया है। हमने इससे पहले कोई ऐसा विस्फोटक बरामद नहीं किया है। अगर कोई इसे दबाने या खोलने की कोशिश करेगा तो IED ब्लास्ट हो जाएगा। हमारी विशेष टीम इस विस्फोटक को संभालेगी।"
लश्कर-ए-तयैबा
लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर काम कर रहा था आरिफ
DGP ने बताया कि पिछले तीन सालों से आरिफ कथित तौर पर पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के इशारे पर काम कर रहा था और चरमपंथी गतिविधियों में लिप्त था।
पूछताछ में आरिफ ने पिछले साल फरवरी में शास्त्री नगर और फिर मई में तीर्थयात्रियों को वैष्णो देवी ले जा रही एक बस पर हुए IED हमलों में शामिल होने की बात कबूल की है। इनमें चार लोगों की मौत हो गई थी और 24 घायल हुए थे।
बयान
जम्मू-कश्मीर में सांप्रदायिक उन्माद फैलाना चाहता है पाकिस्तान- DGP
DGP ने कहा, "भारत में आतंकवाद फैलाने और उसे बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान बदनाम है। जम्मू-कश्मीर काफी समय से उसके निशाने पर है और इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर वह यहां के लोगों में सांप्रदायिक उन्माद फैलाना चाहता है।"
घटनाक्रम
सुरक्षाबलों ने पहले भी लश्कर-ए-तैयबा के मंसूबों पर फेरा था पानी
बता दें कि 30 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा में सुरक्षाबलों ने आतंकी ठिकानों को नष्ट करते हुए लश्कर-ए-तैयबा के चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था।
इससे पहले बड़गाम जिले में कोर्ट परिसर के बाहर आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया था।
इन दोनों मारे गए आंतकियों की पहचान पुलवामा के लश्कर-ए-तैयबा सदस्य अरबाज मीर और शाहिद शेख के रूप में हुई थी।
स्पेशल फैक्ट
न्यूजबाइट्स प्लस
कश्मीर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (ADGP) विजय कुमार के अनुसार, 2022 में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच 93 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 42 विदेशी समेत कुल 172 आतंकवादी मारे गए।
मुठभेड़ों में लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के सर्वाधिक 108 आतंकवादी मारे गए हैं। इसी तरह जैश-ए-मोहम्मद के 35, हिजबुल मुजाहिदीन के 22, अल-बद्र के चार और अंसार गजवत उल-हिंद के तीन आतंकियों को ढेर किया गया।