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जयपुर: छात्रा की आत्महत्या के कारण नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द, अन्य छात्र क्या करेंगे?
राजस्थान के जयपुर में छात्रा की आत्महत्या के मामले में नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द

जयपुर: छात्रा की आत्महत्या के कारण नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द, अन्य छात्र क्या करेंगे?

लेखन गजेंद्र
Dec 31, 2025
12:19 pm

क्या है खबर?

राजस्थान के जयपुर में जिस नीरजा मोदी स्कूल की 9 वर्षीय छात्रा अमायरा ने उत्पीड़न की वजह से अपनी जान दी थी, उसकी मान्यता रद्द कर दी गई है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूल की सीनियर सेकेंडरी तक की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की है। CBSE जांच में बच्चों की सुरक्षा और मान्यता के उप-नियमों में गंभीर खामियां मिली हैं। यह जयपुर का नामी स्कूल है। मान्यता रद्द होने से छात्रों का क्या होगा? आइए, जानते हैं।

आत्महत्या

क्या है अमायरा की आत्महत्या का मामला?

स्कूल में अमायरा कक्षा 4 की छात्रा थी। उसे सहपाठी 18 महीनों से परेशान कर रहे थे, बुरी बाते बोलते और शर्मिंदा करते थे। 1 नवंबर को, अमायरा को सहपाठियों ने काफी परेशान किया, जिसके बाद उसने शिक्षकों से शिकायत की। कोई कार्रवाई न होने पर अमायरा ने स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। अमायरा की मां ने स्कूल पर सहयोग न करने और सबूत मिटाने का आरोप लगाया, जिसके बाद CBSE ने जांच शुरू की थी।

सबूत

स्कूल पर सबूत मिटाने का आरोप

CBSE की जांच में पाया गया कि स्कूल प्राधिकारियों ने उन साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की, जहां अमायरा गिरी थी। स्कूल ने फोरेंसिक विश्लेषण से पहले ही घटनास्थल को धो दिया, जिससे साक्ष्य नष्ट होने की संभावना बढ़ गई। जांच में पता चला कि अमायरा के अभिभावकों की शिकायत के बावजूद स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। इस घटना ने जयपुर समेत पूरे देश को झकझोर दिया था। अमायरा अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी।

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भविष्य

मान्यता रद्द होने से स्कूल में पढ़ रहे छात्रों का क्या होगा?

CBSE ने कक्षा 10 और 12वीं के छात्रों को 2025-26 सत्र की परीक्षा उसी स्कूल से देने की अनुमति दी है। कक्षा 9 और 11वीं के छात्र 31 मार्च तक पास के CBSE स्कूल में स्थानांतरित होंगे। इस साल कोई नया प्रवेश नहीं होगा। स्कूल 2027-28 सत्र से माध्यमिक स्तर तक बहाली के लिए आवेदन कर सकेगा। सीनियर सेकेंडरी संबद्धता 2 वर्ष बाद मांगने की अनुमति होगी। राजस्थान शिक्षा विभाग कक्षा 1-8 तक के छात्रों का भविष्य तय करेगा।

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