इस आदमी के सिर से पार हो गई लोहे की छड़, चमत्कारिक तरीके से बची जान
अक्सर आपने लोगों को चमत्कार की बातें करते सुना होगा, लेकिन हाल ही में ऐसा हुआ है। दरअसल 21 वर्षीय निर्माण कर्मचारी संजय बाहे के सिर में एक लोहे की छड़ घुस गई और चमत्कारिक तरीके से उसकी जान बच गई। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में यह हादसा उस समय हुआ, जब वह ऊपर चढ़ रहा था, लेकिन अचानक 35 फ़ीट निचे गिर गया। इसके बाद बाहे को महाराष्ट्र के नजदीक गोंदिया के अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
हेड सर्जन ने बताया, बाहे को नहीं हुई खून की कमी
इस घटना से बाहे को खून की कमी नहीं हुई, बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए नागपुर के एक विशेष अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। नागपुर में बाहे की 90 मिनट तक सर्जरी हुई। सर्जरी करने वाले डॉक्टर प्रमोद गिरी ने NDTV को बताया, "लोहे की छड़ दाएं टेम्पोरल बोन से लेफ्ट फ्रंटल बोन तक ब्लड वेसल को बिना कोई बड़ा नुकसान पहुंचाए सीधे अंदर चली गई थी।"
पूरी सावधानी के साथ की गई सर्जरी
हालाँकि, उन्हें सचेत अवस्था में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि बाहे 'काल्पनिक सदमे' की अवस्था में था। डॉक्टर गिरी ने बताया, "इसलिए हमने मरीज के सदमे को ठीक किया और उसके बाद सर्जरी के लिए ले गए। टीम ने बाहे को एनेस्थीशिया नहीं दिया।" उन्होंने कहा, "मैंने काफी सावधानी के साथ सर्जरी की ताकि आसपास की संरचनाओं को कोई नुकसान न हो।"
दुर्घटना से कुछ समय पहले ही बाहे ने बिछाई थी लोहे की छड़ें
उन्होंने कहा, "ऐसे मामलों में रोगी को एनेस्थीशिया देना मुश्किल है। हमने ऑपरेशन के दौरान मस्तिष्क में महत्वपूर्ण चैनलों को बनाए रखने के लिए इंटुबेशन की स्थिति को सही किया।" बाहे ने दुर्घटना से कुछ समय पहले ही कुएँ में लोहे की छड़ें बिछाई थी।
बाहे को इस सप्ताह तक मिल जाएगी अस्पताल से छुट्टी
बाहे के सिर से लोहे की छड़ निकालने के बाद वह होश में आ गया और अब वह खतरे से बाहर है। इस सप्ताह तक बाहे को अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। डॉक्टर उन्हें मेनिन्जाइटिस के लिए देख रहे हैं। डॉक्टर गिल ने कहा, "ऐसे मामलों में होने वाली जटिलताएं रोगी के मेनिन्जाइटिस का कारण बन रही हैं। सौभाग्य से वह सर्जरी के बाद ठीक है और हम मेनिन्जाइटिस को रोकने के लिए देखभाल कर रहे हैं।"
क्या है मेनिन्जाइटिस?
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों की वेबसाइट के अनुसार, मेनिन्जाइटिस मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को कवर करने वाली सुरक्षात्मक झिल्लियों की सूजन है। मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास तरल पदार्थ का जीवाणु या वायरल संक्रमण सूजन का कारण बनता है।