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भारत ने गलवान में खोला दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध स्मारक, जानिए क्या है इसकी खासियत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया गलवान युद्ध स्मारक का उद्घाटन

भारत ने गलवान में खोला दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध स्मारक, जानिए क्या है इसकी खासियत

Dec 07, 2025
07:53 pm

क्या है खबर?

भारत ने गलवान घाटी में दुनिया का सबसे बड़ा युद्ध स्मारक खोला है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को इसका उद्घाटन किया। यह वही जगह है, जहां 5 साल पहले चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। भारत ने इस युद्ध स्मारक के जरिए उनकी शहादत को नमन किया है। यह स्मारक दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध स्मारक होने का गौरव भी रखता है। आइए इसके बारे में सब कुछ जानते हैं।

जगह

कहां स्थित है यह युद्ध स्मारक?

यह युद्ध स्मारक लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दुर्बुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड पर KM-120 चौकी के पास स्थित यह स्मारक दुनिया के सबसे दुर्गम सैन्य तैनाती क्षेत्रों में से एक में स्थित है। सेक्टर नॉर्थ में शून्य से नीचे के तापमान, कम ऑक्सीजन स्तर और दुर्गम भूभाग के बीच निर्मित यह स्मारक भारतीय सैनिकों की शहादत की याद दिलाता है। इसे सेना दिवस पर घोषित 'भारत रणभूमि दर्शन' पहल के तहत विकसित किया गया है।

आकार

कैसा है स्मारक का आकार?

बलिदान और वीरता के प्रतीक लाल और काले ग्रेनाइट से निर्मित इस स्मारक को त्रिशूल और डमरू के आकार में बनाया गया है। इसके केंद्र में एक त्रिकोणीय आकृति है जो ऊर्जा और पहाड़ों का प्रतिनिधित्व करती है, जिसके दोनों ओर एक अखंड ज्योति और राष्ट्रीय ध्वज है। इस स्मारक के चारों ओर 20 कांस्य प्रतिमाएं भी बनाई गई हैं जो गलवान घाटी की रक्षा करते हुए शहीद हुए भारतीय सैनिकों के पराक्रम का प्रतिनिधित्व करती हैं।

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संग्रहालय

स्मारक परिसर में बनाया गया है संग्रहालय

युद्ध स्मारक परिसर में एक संग्रहालय और डिजिटल गैलरी भी है जो गलवान मुठभेड़, लद्दाख के सैन्य इतिहास और पीढ़ियों की साहस की विरासत को दर्शाती है। वीरता की गाथाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक सभागार बनाया गया है। आगंतुकों की सुविधा और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने किलोमीटर 23 पर टाइगर ब्रेव कैफ़े, किलोमीटर 56 पर एक और कैफे और स्मारक स्थल पर एक ब्रेवहार्ट बिस्टरो जैसी सुविधाएं विकसित की हैं।

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झड़प

जून 2020 में हुई थी गलवान घाटी हिंसक झड़प

बता दें कि 15 जून, 2020 की रात को गलवान में हुई झड़प भारत और चीन के बीच दशकों में हुए सबसे क्रूर टकरावों में से एक थी, जो पूर्व सीमा समझौतों के तहत बिना हथियारों के लड़ा गया था। इस मुठभेड़ ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सुरक्षा परिदृश्य को बदल दिया, जिससे लंबे समय तक सैन्य तैनाती जारी रही। इसे आधुनिक भारत-चीन संबंधों में एक निर्णायक क्षण के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।

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