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भारत ने अपने कुल LPG आयात का 10 प्रतिशत अमेरिका से खरीदेगा, किया दीर्घकालीन सौदा
भारत ने LPG आयात के लिए अमेरिका के साथ समझौता किया

भारत ने अपने कुल LPG आयात का 10 प्रतिशत अमेरिका से खरीदेगा, किया दीर्घकालीन सौदा

लेखन गजेंद्र
Nov 17, 2025
11:51 am

क्या है खबर?

भारत ने अमेरिका के साथ तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) आयात करने का समझौता कर लिया है, जिसके लिए दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए हैं। केंद्र सरकार ने इसे ऐतिहासिक शुरूआत बताते हुए कहा कि इस कदम से देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और बढ़ती वैश्विक अस्थिरता के समय आपूर्ति स्रोतों में विविधता आएगी। समझौता सरकारी तेल कंपनियों ने एक साल के लिए किया है, जिसमें अमेरिकी खाड़ी तट से लगभग 22 लाख टन प्रतिवर्ष (MTPA) LPG आयात किया जाएगा।

समझौता

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने जानकारी दी

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक्स पर लिखा, 'ऐतिहासिक शुरुआत! दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते LPG बाजारों में एक, अमेरिका के लिए खुल गया है। भारतीयों को LPG की सुरक्षित-किफायती आपूर्ति करने के हमारे प्रयास में, हम अपनी LPG आपूर्ति में विविधता ला रहे हैं।' पुरी ने अनुबंध अमेरिका के साथ भारत का पहला संरचित LPG खरीद समझौता बताया, जिसकी तुलना मोंट बेल्वियू से की, जो LPG के लिए अमेरिका का मूल्य निर्धारण केंद्र है।

बयान

कुल LPG आयात की करीब 10 प्रतिशत होगी खरीद- पुरी

पुरी ने आगे लिखा, 'तेल कंपनियों ने लगभग 22 लाख टन प्रतिवर्ष LPG के आयात के लिए एक साल का समझौता सफलतापूर्वक किया है, जो अनुबंध वर्ष 2026 के लिए हमारे वार्षिक आयात का लगभग 10 प्रतिशत है। समझौता अमेरिकी खाड़ी तट से प्राप्त किया जाएगा। यह भारतीय बाजार के लिए अमेरिकी LPG का पहला संरचित अनुबंध है।' समझौते के लिए इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के अधिकारी कई महीने से प्रमुख अमेरिकी उत्पादकों के संपर्क में थे।

समझौता

यह समझौता क्यों मायने रखता है?

भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा LPG उपभोक्ता है। यह मांग घरेलू स्तर पर और बढ़ रही है, खासकर उज्जवला योजना के लागू होने के बाद। अभी भारत अपनी LPG जरूरत का 50 प्रतिशत से ज़्यादा आयात करता है, और अधिकतर आपूर्ति पश्चिम एशियाई बाजारों से आती है। अमेरिका से 10 प्रतिशत आयात पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करने के साथ आपूर्ति स्थिरता में सुधार लाने और वैश्विक बाजार में कीमतों में तेज उछाल से बचाव का काम करेगा।

जोर

ताकि मिलता रहे सस्ता सिलेंडर?

केंद्रीय मंत्री पुरी ने अपने पोस्ट में इस बात पर भी जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सबसे कम वैश्विक कीमत पर रसोई गैस उपलब्ध करा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले साल वैश्विक कीमतों में 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी के बाद भी उज्जवला उपभोक्ताओं को 500-550 रुपये में सिलेंडर दिया है। भारत सरकार ने इसके लिए पिछले वर्ष 40,000 करोड़ से अधिक खर्च किए हैं।