कोरोना वायरस: सरकार ने किया कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू न होने का दावा
खतरनाक कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। प्रतिदिन इसके संक्रमितों और मृतकों की संख्या में बड़ी तेजी के साथ इजाफा होता जा रहा है। भारत में भी प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं और संक्रमण के तीसरी स्टेज यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन में पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि, भारत सरकार ने लगातार बढ़ते मामलों के बाद भी शनिवार को इसके तीसरी स्टेज में नहीं पहुंचने की बात कही है।
भारत में अभी तक नहीं मिले हैं कम्युनिटी ट्रांसमिशन के सबूत- ICMR
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत में संक्रमण के तीसरे चरण यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन में पहुंचने के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में इसकी ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। ICMR की मेडिकल रिसर्च संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ आर गंगा केतकर ने कहा कि जब तक बड़ी संख्या में एक समुदाय के लोगों में संक्रमण की पुष्टि नहीं होती है, तब तक चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार अपनी तैयारी कर रही है।
5 लाख लोगों के परीक्षण के लिए तैयार है भारत
डॉ केतकर ने कहा कि वर्तमान में देश में पर्याप्त संख्या में परीक्षण सुविधाएं और किट हैं। मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा होने पर भी उससे निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश 5 लाख लोगों के परीक्षण के लिए तैयार है। प्रयोगशालाओं में पहले से ही एक लाख लोगों की जांच की सुविधा है। ऐसे में किसी को भी सरकार की क्षमताओं पर को लेकर किसी को भी चिंता नहीं करने की जरूरत नहीं है।
आज किए गए उपायों का कल मिलेगा परिणाम- अग्रवाल
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि भारत की ओर से किए गए लॉकडाउन के त्वरित परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आज किए गए उपयों का परिणाम कल जरूर सामने आएगा। सरकार को भरोसा था कि लॉकडाउन के बेहतरीन परिणाम सामने आएंगे। देश में अन्य देशों की बिगड़ी स्थिति से सबक लेते हुए भविष्य के लिए योजनाएं तय की है। इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे।
30 प्रतिशत सुविधाओं का ही किया उपयोग
डॉ केतकर ने कहा वर्तमान में सांस के रोगियों की जांच की जा रही है। रैंडम सैंपलिंग की आवश्यकता नहीं है। वर्तमान में 12,000 परीक्षण सुविधाओं में से केवल 30% का ही उपयोग किया गया है। बुजुर्गों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
मनुष्य पर नहीं किया गया है वैक्सीन का परीक्षण
डॉ केतकर ने कहा कि कोरोना वायरस के उपचार के लिए आवश्यक किस भी वैक्सीन का अभी मनुष्य पर परीक्षण नहीं किया गया है। अभी तक परीक्षण पशुओं पर ही किया जा रहा है। ऐसे में अभी तक इसकी वैक्सीन आने में लंबा समय लगेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर हृदय रोगी, दमा, अस्थमा, मधुमेह रोगियों पर सबसे अधिक होता है। ऐसे में इन रोगियों को हल्का इंफेक्शन होने पर जांच कराने की जरूरत है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 873 पहुंच गई है। इसके अलावा चिकित्सा एंव स्वाथ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह 73 संक्रमितों के स्वस्थ होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।