भारत ने फरक्का बैराज खुलने से बांग्लादेश में बाढ़ आने की रिपोर्ट को नकारा
बांग्लादेश में आई बाढ़ के लिए भारत को दोषी ठहराए जाने पर विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। उन्होंने बाढ़ के लिए फरक्का बैराज खोलने की खबरों का खंडन करते हुए ऐसी रिपोर्ट को नकारा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि गलतफहमियां पैदा करने के लिए फर्जी वीडियो, अफवाहें और भय फैलाने वाली बातें देखने को मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि इसका तथ्यों के साथ दृढ़ता से मुकाबला करने की जरूरत है।
क्या बोले जायसवाल?
जायसवाल ने बताया कि फरक्का बैराज के गेट खोलने के बारे में मीडिया रिपोर्ट देखी है, जिससे नदी के नीचे की ओर 11 लाख क्यूसेक से अधिक पानी अपने प्राकृतिक मार्ग से गंगा/पद्मा नदी में प्रवाहित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि फरक्का केवल एक बैराज है, बांध नहीं। जब भी जलस्तर तालाब के स्तर तक पहुंच जाता है, तो जो भी जल प्रवाह आता है, वह गुजर जाता है। उन्होंने इसे सामान्य मौसमी घटनाक्रम बताया, जिसका कारण भारी वर्षा है।
बांग्लादेश सरकार को भेजी जाती है रिपोर्ट
जायसवाल ने कहा कि इस संबंध में प्रासंगिक डाटा नियमित और समय-समय पर बांग्लादेश में संबंधित संयुक्त नदी आयोग के अधिकारियों के साथ साझा किया जाता है और इस बार भी ऐसा ही किया गया है। उन्होंने कहा कि यह महज 40,000 क्यूसेक पानी को फरक्का नहर में मोड़ने की एक संरचना है, जिसे मुख्य गंगा/पद्मा नदी पर गेटों की एक प्रणाली का उपयोग करके सावधानी से किया जाता है, जबकि शेष पानी मुख्य नदी में बहकर बांग्लादेश जाता है।
बांग्लादेश में आई बाढ़
बता दें, हाल ही में बांग्लादेश में भारी बारिश के कारण बाढ़ आई, जिस कारण लाखों लोग प्रभावित हुए। इसमें कम से कम 18 लोगों की मौत हुई है और लाखों लोगों को आपातकालीन राहत शिविरों में ले जाया गया।