महाराष्ट्र: जिस जगह दुर्घटनाग्रस्त हुई साइरस मिस्त्री की कार, उस रास्ते पर हो चुके 262 हादसे
क्या है खबर?
टाटा संस के पूर्व प्रमुख सायरस मिस्त्री की कार दुर्घटना में मौत ने भारत में सड़क सुरक्षा पर नई बहस शुरू कर दी है।
महाराष्ट्र के पालघर जिले में उनकी तेज स्पीड कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिससे मिस्त्री की मौके पर ही जान चली गई।
अधिकारियों ने बताया कि यह इस तरह का पहला हादसा नहीं है और इस रास्ते पर इस साल 262 हादसे हो चुके हैं, जिनमें 62 लोगों की मौत हुई है।
महाराष्ट्र
100 किलोमीटर के रास्ते पर 192 लोग घायल
NDTV के अनुसार, मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर ठाणे के गोडबुंदर से लेकर पालघर के दपचारी के बीच के 100 किलोमीटर के रास्ते पर इस साल हुए हादसों में 192 लोग घायल हुए हैं।
इनमें से कई हादसों के पीछे तेज रफ्तार और ड्राइवर की गलतियां तो जिम्मेदार हैं ही, लेकिन अधिकारियों का कहना कि सड़क के रखरखाव की कमी, संकेत बोर्डों और रफ्तार कम करने के तरीकों की अनुपस्थिति भी इतनी बड़ी संख्या में हो रहे हादसों की जिम्मेदार हैं।
बयान
चरोटी के पास बना हुआ है ब्लैक स्पॉट- अधिकारी
महाराष्ट्र हाइवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि चरोटी के पास, जहां मिस्त्री की कार दुर्घटना हुई थी, वहां इस साल 25 हादसों में 26 मौतें हो चुकी हैं। वहीं चिंचोटी के पास 34 हादसों में 25 और मनोर के पास 10 हादसों में 11 लोगो की जान जा चुकी है।
उन्होंने आगे बताया कि चरोटी के पास काफी हादसे होते हैं और यह ब्लैक स्पॉट बना हुआ है।
जानकारी
टोल लेने वाली एजेंसी के पास मरम्मत की जिम्मेदारी
अधिकारी ने बताया कि सूर्या नदी पुल के पास मोड़ है और तीन लेन का रास्ता दो लेन में बदल जाता है, लेकिन न ही तो वहां पर कोई संकेत बोर्ड लगा है और न ही रफ्तार कम करने के लिए कोई गति अवरोधक बनाया गया है। इसी जगह पर मिस्त्री की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी।
उन्होंने बताया कि इस रास्ते पर टोल लेने वाली निजी एजेंसी को इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी दी गई है।
इंतजाम
ये होने चाहिए इंतजाम
गाइडलाइंस के मुताबिक, हाइवे पर हर 30 किलोमीटर की दूरी पर एक एंबुलेंस स्टैंडबाय मोड पर होनी चाहिए। इसके अलावा एक क्रेन और पेट्रोलिंग वाहन की सुविधा होना भी जरूरी है।
मिस्त्री की कार के हादसे के बाद मुंबई पुलिस ने सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट से महाराष्ट्र में पड़ने वाले हाइवे के हिस्से को सुरक्षित बनाने के लिए राय मांगी है। साथ ही उसने इतने हिस्से के ऑडिट की भी गुहार लगाई है।
सड़क दुर्घटनाएं
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में देश में 4.03 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 1,55,622 मौतें हुईं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 24,711 मौतें हुईं, वहीं तमिलनाडु में सबसे अधिक 57,090 सड़क दुर्घटनाएं हुईं।
इससे पहले 2020 में देश में 3.66 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं जिनमें 1,31,714 लोगों की मौत हुई।
विश्व बैंक के अनुसार, भारत में हर साल औसतन 4.5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें लगभग 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं।