जम्मू-कश्मीर में इस बार दिखेगा ला नीना का असर, भारी बर्फबारी से पड़ेगी कड़ाके की सर्दी
जम्मू-कश्मीर में इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ेगी और बर्फबारी से तापमान शून्य के नीचे पहुंच जाएगा। यह भविष्यवाणी भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने की। इंडिया टुडे के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में IMD के निदेशक डॉ मुख्तर अहमद ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ ला नीना का प्रभाव तेज हो जाएगा। उन्होंने बताया कि ला नीना से पहले भी कश्मीर में भारी बर्फबारी हुई है और इस साल, यह काफी तीव्र हो रहा है, जिससे लगातार बर्फबारी की उम्मीद है।
नवंबर में हो चुकी है 3 बार बर्फबारी
कश्मीर घाटी में अच्छी सर्दी पड़ने के संकेत पहले ही मिल चुके हैं। नवंबर में यहां पारंपरिक सर्दी की शुरूआत होती है और इस बार पिछले महीने पहाड़ी क्षेत्रों में 3 बार हल्की बर्फबारी हो चुकी है। समय से पहले बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट दिख रही है और रात का तापमान लगातार शून्य डिग्री सेल्सियस और माइनस 5 डिग्री सेल्सियस के बीच है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में सामान्य से अधिक वर्षा होने से अधिक ठंड की संभावना है।
पिछले साल अल नीनो से बदला था जम्मू-कश्मीर का तापमान
पिछले साल अल नीनो के कारण क्षेत्र में वर्षा कम हुई थी और तापमान में भी वृद्धि दर्ज की गई थी, जिससे मौसम विशेषज्ञ काफी चिंतित थे। पिछले कुछ वर्षों से जम्मू-कश्मीर अत्यधिक मौसम परिवर्तनों से जूझा है। इस बार ला नीना के वापस आने से अच्छी बर्फबारी के साथ कड़ाके की सर्दी का अनुमान है, जिससे पर्यटकों की आमद बढ़ सकती है। बर्फबारी से स्थानीय लोगों की चुनौतियां भी बढ़ेगी और परिवहन सेवाएं भी प्रभावित होंगी।
क्या है अल नीना और ला नीना
अल नीनो एक तरह की मौसमी घटना है, जिसकी वजह से मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्री सतह का पानी सामान्य से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हो जाता है और पूर्व से पश्चिम बहने वाली हवाएं कमजोर पड़ती हैं। ला नीना का असर अल नीनो से ठीक उलटा है। इसमें पूर्व से बहने वाली हवा तेज गति से चलती हैं, जिससे समुद्री सतह का तापमान कम हो जाता है। इससे उत्तर-पश्चिम में मौसम ठंडा होता है।