IIT बाबा जूना अखाड़े से निकाले गए, संतों ने फैसले के पीछे बताई ये वजह
क्या है खबर?
महाकुंभ के दौरान अचानक चर्चाओं में आए अभय सिंह उर्फ IIT बाबा को जूना अखाड़े से निकाल दिया गया है। उनके अखाड़ा शिविर और उसके आस-पास आने पर भी रोक लगा दी गई है।
बताया जा रहा है कि अखाड़े के गुरु के प्रति अपशब्दों के इस्तेमाल को लेकर अखाड़े ने उन पर कार्रवाई की है। अखाड़े का कहना है कि संन्यास में अनुशासन और गुरु के प्रति समर्पण जरूरी है।
बयान
IIT बाबा को लेकर अखाड़े ने क्या कहा?
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, जूना अखाड़े के मुख्य संत महंत हरि गिरि ने कहा, "अभय सिंह की गतिविधियां गुरु-शिष्य परंपरा और अखाड़े के सिद्धांतों के खिलाफ जा रही थीं। अपने गुरु का अपमान करना सनातन धर्म और अखाड़े के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाता है। जूना अखाड़े में अनुशासन का सबसे ज्यादा महत्व है और कोई भी इससे ऊपर नहीं है- न मैं न सिंह जैसा कोई और।"
वापसी
क्या IIT बाबा को आश्रम में वापस लिया जाएगा?
महंत गिरि ने आगे कहा, "अखाड़े के हर सदस्य को अनुशासन के नियमों का पालन करना जरूरी है। अभय ने अपने गुरु के प्रति ही अपशब्दों का इस्तेमाल कर इन नियमों का उल्लंघन किया है। गुरु के साथ ही अखाड़े के संतों के खिलाफ भी बोलने की किसी को अनुमति नहीं है। इसी आधार पर अनुशासन समिति ने ये कार्रवाई की है। जब तक अभय अखाड़े की परंपरा और सनातन का सम्मान नहीं करता तब तब वो बाहर ही रहेगा।"
आश्रम
पहले आई थी आश्रम छोड़ने की खबर
2 दिन पहले भी बाबा अचानक से आश्रम से गायब हो गए थे। तब भी अफवाहें थीं कि उन्हें आश्रम से निकाल दिया गया है।
उन्हें तलाशते हुए उनके परिजन भी आश्रम पहुंचे थे। तब आश्रम के साधुओं ने बताया था कि अभय लगातार मीडिया से बात करने से उनका मानसिक तनाव बढ़ रहा था, इसके चलते उन्होंने आश्रम छोड़ दिया।
हालांकि, बाद में बाबा ने साधुओं पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया था।
परिचय
कौन हैं IIT बाबा?
अभय सिंह का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले में हुआ है। उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
इसके बाद वे कनाडा में नौकरी करने लगे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान भारत लौट आए। धीरे-धीरे अध्यात्म की तरफ उनका आकर्षण बढ़ा और वे हरिद्वार, उज्जैन में साधुओं के संपर्क में आए। कई महीनों तक उन्होंने घर वालों से भी संपर्क नहीं किया।
कुंभ के दौरान उनके कई इंटरव्यू खूब वायरल हुए और वे देश में प्रसिद्ध हो गए।