भारत में फंसे सैकड़ों H-1B वीजा धारक, जानिए इसके पीछे क्या है कारण
क्या है खबर?
इस महीने की शुरुआत में अपने वर्क परमिट को नवीनीकृत करने के लिए भारत आए सैकड़ों H-1B वीजा धारक यहीं फंस गए हैं और अपनी नौकरियों पर लौटने में असमर्थ हैं। दरअसल, अमेरिका के विदेश विभाग की नई सोशल मीडिया जांच नीति के बीच अचानक उनके साक्षात्कार को स्थगित कर दिया गया है। H-1B वीजा धारकों की ये साक्षात्कार 15 से 26 दिसंबर के बीच निर्धारित थीं। यह अवधि अमेरिकी में क्रिसमस की छुट्टियों से मेल खाती है।
परेशानी
अमेरिकी विदेश विभाग ने कई महीने आगे बढ़ाए साक्षात्कार
अमेरिकी विदेश विभाग ने कई H-1B वीजा धारकों के साक्षात्कार छोटी पूर्व सूचना के साथ रद्द किए हैं और कई महीनों बाद पुनर्निर्धारित किए हैं। कुछ मामलों में तो इन्हें मार्च 2026 तक बढ़ाया गया है। कई प्रमुख कानूनी फर्मों ने कहा है कि उनके सैकड़ों मुवक्किल भारत में फंसे हुए हैं। भारत में आव्रजन मामलों की वकील वीना विजय अनंत ने कहा, "यह अब तक की सबसे बड़ी गड़बड़ी है। मुझे नहीं लगता कि इसका कोई समाधान है।"
सूचना
अमेरिकी विदेश विभाग ने ईमेल में क्या कहा?
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने एक ईमेल में भारतीय कामगारों को सूचित किया कि सोशल मीडिया पर नई जांच नीति के कारण उनके साक्षात्कार में देरी हुई है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी आवेदक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा न बने। भारत में अमेरिकी दूतावास ने 9 दिसंबर को प्रभावित H-1B वीजा धारकों नई तारीख पर ही साक्षात्कार के लिए पहुंचने के निर्देश दिए हैं।
चेतावनी
अमेरिकी दूतावास ने जारी की अहम चेतावनी
भारत के स्थित अमेरिकी दूतावास ने चेतावनी में कहा है, 'अगर आपको ईमेल द्वारा सूचित किया गया है कि आपके वीजा साक्षात्कार की तिथि बदल दी गई है, तो भारतीय दूतावास आपकी नई तारीख पर आपकी सहायता करने के लिए तत्पर है। पहले से निर्धारित तारीख पर पहुंचने पर आपको दूतावास या वाणिज्य दूतावास में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।" अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के अनुसार, H-1B वीजा धारकों में से 71 प्रतिशत भारतीय हैं।
प्रतिक्रिया
कानूनी पेशेवरों ने इस पर क्या दी प्रतिक्रिया?
ह्यूस्टन स्थित कानूनी फर्म रेड्डी न्यूमैन ब्राउन पीसी की पार्टनर एमिली न्यूमैन ने कहा कि साक्षात्कार रद्द होने से उनके 100 ग्राहक भारत में फंसे हुए हैं। अटलांटा स्थित आव्रजन वकील चार्ल्स कुक ने कहा कि उन्होंने ऐसे कई मामलों को संभाला है जिनमें कामगार अपने साक्षात्कार स्थगित होने के बाद अमेरिका वापस नहीं लौट पा रहे हैं। वकीलों के अनुसार, आवेदकों के रोजगार इतिहास और अनुपालन रिकॉर्ड के बिना ही सभी के समान तरीके से आवेदन रद्द किए हैं।
खतरा
भारतीय H-1B वीजा धारकों की नौकरियों पर मंडराया खतरा
अमेरिका के इस कदम से कई भारतीय H-1B वीजा धारकों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है। डेट्रॉइट के बाहरी इलाके में रहने वाले एक भारतीय निवासी ने द वाशिंगटन पोस्ट से कहा कि वह पारिवारिक शादी के लिए दिसंबर की शुरुआत में भारत गए थे। उनके वीजा साक्षात्कार 17 और 23 दिसंबर को निर्धारित थे, लेकिन अब उन्हें निरस्त कर दिया गया है। उन्हें डर है कि लंबे समय तक अनुपस्थिति से उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
चेतावनी
गूगल और ऐपल ने जारी की चेतावनी
गूगल और ऐपल ने कुछ कर्मचारियों को विदेश यात्रा न करने की चेतावनी दी है, क्योंकि उन्हें पता चला है कि अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में अमेरिकी वीजा पुनः प्रवेश प्रक्रिया में काफी देरी हो रही है जो 12 महीने तक बढ़ सकती है। गूगल के बाहरी कानूनी सलाहकार, BAL इमिग्रेशन लॉ ने एक ईमेल में प्रभावित कर्मचारियों से राजनयिक मिशनों में असामान्य रूप से लंबी नियुक्ति प्रतीक्षा के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्राओं से बचने का आग्रह किया है।
कारण
अमेरिका की सोशल मीडिया जांच नीति है कारण
ट्रंप प्रशासन ने H-1B और इसके आश्रित को मिलने वाले H-4 वीजा आवेदकों की गहन जांच शुरू की है, जिसमें उनके सोशल मीडिया अकाउंट की जांच भी शामिल है। यह कदम विदेश विभाग द्वारा सभी वीजा धारकों को अपनी गोपनीयता सेटिंग्स को सार्वजनिक करने का निर्देश देने के कुछ सप्ताह बाद उठाया गया है। छात्रों और विनिमय आगंतुकों पर पहले से ही इस तरह की जांच लागू थी, जिसे अब श्रमिकों तक बढ़ा दिया गया है।