जैश-ए-मोहम्मद ने कैसे रची थी पुलवामा हमले की साजिश? जानें परत-दर-परत

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को पुलवामा आतंकी हमले की 13,500 पन्ने की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। चार्जशीट में हमले की साजिश की हर परत को खोला गया है और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और उसके भाई राउफ असगर समेत कुल 19 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है। आइए आपको बताते हैं कि NIA की चार्जशीट में क्या-क्या बताया गया है और जैश ने इस पूरे हमले की साजिश कैसे रची।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से लदी कार की मदद से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए थे और भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर इस हमले का बदला लिया था।
NIA की चार्जशीट के अनुसार, अप्रैल, 2018 में अजहर के भतीजे उमर फारुक की कश्मीर में घुसपैठ के साथ इस हमले की योजना पर काम शुरू हुआ। फारुक अजहर के बड़े भाई और कंधार विमान अपहरण कांड के मुख्य आरोपी इब्राहिम अथर का बेटा है। NIA के अनुसार, कुछ दिन बाद एक और पाकिस्तानी आतंकवादी इस्माइल सैफुल्लाह घुसपैठ कर भारत आ गया। यहां आशिक अहमद नेंगरू और मोहम्मद इकबाल राठौर ने इन दोनों का स्वागत किया।
NIA ने अपनी चार्जशीट में आतंकियों के फोन से फारुक और सैफुल्लाह की घुसपैठ का वीडियो बरामद होने की बात भी कही है, जिनमें उन्हें रात के अंधेरे में कटीले तारों की बाड़ को काटकर भारत में घुसते हुए देखा जा सकता है।
चार्जशीट के अनुसार, आतंकियों ने अक्टूबर, 2018 से नवंबर 2018 के बीच विस्फोटक सामग्री इकट्ठा की। इस अभियान में शाकिर बशीर नामक एक स्थानीय आतंकी ने फारूक की मदद की और विस्फोटकों को अपने घर पर जमा किया। हमले में इस्तेमाल की गई 35 किलोग्राम RDX पाकिस्तान से लाई गई, वहीं अन्य सामग्रियों को भारत से खरीदा गया। 5 फरवरी, 2019 को फारूक, बशीर, समीर डार और फिदायीन हमलावर आदिल अहमद डार ने बशीर के घर पर IED बनाए।
NIA के अनुसार, आतंकियों ने 160 किलोग्राम और 40 किलोग्राम के दो ड्रम भरकर IED बनाए और 6 फरवरी को इन्हें हमले में इस्तेमाल की गई मारूति ईको कार में फिट कर दिया। जैश 6 फरवरी को ही हमले को अंजाम देना चाहता था, लेकिन बर्फबारी ने उसकी योजना पर पानी फेर दिया। इसके बाद 14 फरवरी को बशीर ने फारूक को CRPF का काफिला निकलने के बारे में सूचित किया और वे तुरंत हमला करने के लिए निकल पड़े।
चार्जशीट के अनुसार, पहले बशीर कार को चलाकर ले गया और हमले की जगह से 500 मीटर दूर आदिल को चाबी देकर उतर गया। आदिल ने हमला करने से पहले उस बस की पहचान की जिसमें सबसे अधिक जवान जा रहे थे, ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों की जान ली जा सके। इसके बाद उसने कार में बस में ठोक दिया और इससे हुए विस्फोट में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए।
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, चार्जशीट में अजहर की एक क्लिप भी है जिसमें वह कश्मीरी युवाओं को त्राल में मारे गए अपने भतीजे उस्मान हैदर की शहादत का बदला लेने के लिए उकसा रहा है। NIA के अनुसार, जहां जैश ने हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को निर्देश दिए, वहीं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भी इसकी साजिश में शामिल थी और आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराने में मदद की।
NIA ने अपनी चार्जशीट में ये खुलासा भी किया है कि पुलवामा हमले की सफलता के बाद आतंकी ऐसी ही एक औ हमला करना चाहते थे और फियादीन हमलावर तैयार करने समेत इसके लिए तमाम तैयारियां भी कर ली थीं। हालांकि अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण अजहर ने फारूक को दूसरे हमला करने से मना कर दिया। 'इंडियन एक्सप्रेस' को एक NIA अधिकारी ने बताया कि आतंकियों के पास घुसपैठ से लेकर हमला करने तक, हर कदम की तस्वीरें थीं।
NIA के अनुसार, जैश को उम्मीद थी कि पुलवामा हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान में जंग छिड़ जाएगी और इसका फायदा उठा वह कश्मीर में और आतंकी भेजने में कामयाब रहेगा। दोनों देश युद्ध के मुहाने तक आए भी, लेकिन युद्ध से पहले तनाव कम हो गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, NIA ने हमले की पूरी साजिश की परतें भले ही खोल दी हों, लेकिन हमले के लिए पैसा भारत कैसे पहुंचा इसकी जांच अभी भी चल रही है।
एक साल से अधिक की NIA की जांच में हमले की गुत्थी सुलझाने में फारूक के फोन की अहम भूमिका रही। दिसंबर, 2019 में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फारूक का फोन NIA के हवाले किया था और इसकी जांच करने पर NIA को हमले से संबंधित कई व्हाट्सऐप चैट, फोटो और वीडियो मिले। चार्जशीट में जिन 19 आरोपियों का नाम शामिल है, उनमें से छह मारे जा चुके हैं और सात जेल में हैं, वहीं पांच अभी भी फरार हैं।