
कैसे होती है मानसून की वापसी? जानिए किस प्रदेश से सबसे पहले सिमटेंगे बादल
क्या है खबर?
पूरे देश को बारिश से सरोबार करने के बाद दक्षिण पश्चिम मानसून अब विदा लेने की तैयारी में है। मानसून जहां सबसे पहले केरल पहुंचता है, वहीं इसकी वापसी राजस्थान से शुरू होती है, जो धीरे-धीरे अन्य प्रदेशों से खुद को समेटता है। इस साल मानसून समय से 6 दिन पहले केरल पहुंचा था, इसलिए इसकी वापसी भी पहले हो रही है। मानसून वापसी कैसे होती है और यह सबसे अंत में किस राज्य से जाता है, आइए जानते हैं?
मानसून
पहले जानिए, इस बार कब आया था मानसून?
आमतौर पर मानसून बंगाल की खाड़ी और अंडमान निकोबार से होता हुआ सबसे पहले केरल में 1 जून को प्रवेश करता है। इस साल यह 6 दिन पहले 24 मई को पहुंच गया था। 2009 में मानसून 23 मई को पहुंचा था। मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। हालांकि, इस साल 9 दिन पहले मानसून सक्रिय हो गया। मानसून 17 सितंबर तक उत्तर-पश्चिम भारत और 15 अक्टूबर तक पूरे देश से वापस चला जाता है।
वापसी
कैसे होती है मानसून की वापसी?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, देश में जून से सितंबर तक मानसून सक्रिय होता है। सितंबर के मध्य से मानसून कमजोर पड़ने लगता है। मानसून वापसी की शुरूआत सबसे पहले पश्चिमी राजस्थान से होती है, फिर ये हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य भारत की ओर बढ़ता है। अक्टूबर के मध्य तक यह दक्षिण भारत से पूर्वोत्तर होते हुए पूरी तरह समाप्त हो जाता है। वापसी की पूरी प्रक्रिया 4 से 5 सप्ताह में पूरी होती है।
समझ
कैसे पता चलता है कि मानसून वापस जा रहा?
IMD के मुताबिक, राजस्थान से दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर तक मानसून की वापसी एक लंबी यात्रा है। जब दक्षिण-पश्चिमी हवाओं की जगह उत्तर-पूर्वी हवाएं लेने लगें और नमी कम हो जाए, तब समझ लीजिए कि मानसून वापसी कर रहा है। यह अमूमन 15 अक्टूबर तक होता है। मानसून की वापसी सिर्फ बारिश रुकने तक सीमित नहीं, बल्कि यह मौसम में बड़े बदलाव का संकेत भी देता है, जिसमें वातावरण में दबाब, हवा की दिशा और नमी में कमी शामिल है।
ट्विटर पोस्ट
मानसून वापसी पर IMD का वीडियो
मानसून की वापसी (Withdrawal) शुरू!
— India Meteorological Department (@Indiametdept) September 16, 2025
राजस्थान से शुरू होकर दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर तक मानसून की वापसी एक लंबी यात्रा होती है।
जब हवाओं की दिशा बदलने लगती है और नमी कम हो जाती है।
तब समझ लीजिए कि दक्षिण-पश्चिम मानसून वापसी की तैयारी कर रहा है।
मानसून की वापसी सिर्फ़ बारिश रुकने… pic.twitter.com/fyJSOf9C7n
बारिश
क्या इस साल बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ा?
इस साल देश में मानसून के दौरान 836.2 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य बारिश (778.6 मिमी) से 7 प्रतिशत अधिक है। IMD का पूर्वानुमान था कि जून-सितंबर में 87 सेमी की दीर्घकालिक औसत वर्षा का 106 प्रतिशत प्राप्त होने की संभावना है, जिसमें 96 से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को 'सामान्य' माना जाता है। बता दें कि भारत में मानसून सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है।
जानकारी
जाते-जाते खूब हो रही बारिश
मानसून की वापसी बेला में कई हिस्सों में अंतिम बारिश हो रही है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा को छोड़कर उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल समेत कई राज्यों में अगले 3 दिन येलो अलर्ट जारी है। 20-21 सितंबर को सिर्फ बिहार और पूर्वोत्तर के लिए येलो अलर्ट है।