
मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की भ्रष्टाचार कानून के तहत होगी जांच, गृह मंत्रालय की मंजूरी
क्या है खबर?
गृह मंत्रालय ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ बड़ा निर्णय लिया है।
मंत्रालय ने दोनों नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17-A के तहत जांच को मंजूरी दी है, जिसकी जानकारी उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेज दी गई है।
मंत्रालय की अनुमति से दोनों नेताओं के मंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की प्रक्रिया तेज होगी।
जांच
दिल्ली सरकार ने किया था अनुरोध
दिल्ली में AAP की सरकार के जाते ही भाजपा ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। इसके लिए भाजपा नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय विभाग ने जांच के लिए अनुरोध किया था।
विभाग ने उपराज्यपाल के माध्यम से गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी थी। बता दें कि भाजपा विपक्ष में रहते हुए भी AAP के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले उठा रही थी।
सिसोदिया दिल्ली में उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री और जैन स्वास्थ्य मंत्री रहे थे।
जानकारी
क्या है धारा 17-A?
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17-A के तहत अगर किसी सरकारी अधिकारी या मंत्री के खिलाफ जांच करना है तो पहले सक्षम प्राधिकारी की अनुमति लेनी होती है। गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद केंद्रीय एजेंसियां मामले में जांच कर सकती हैं।
मुश्किल
सिसोदिया और जैन जमानत पर हैं
मनीष सिसोदिया दिल्ली की शराब नीति मामले में कथित घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर आरोपी हैं। मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है।
सिसोदिया इस मामले में गिरफ्तार हुए थे और 17 महीने जेल में रहने के बाद बाहर आए थे।
सत्येंद्र जैन भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार हो चुके हैं। उनके खिलाफ CBI और ED जांच कर रही है। जैन 18 महीने बाद जेल से बाहर आए थे।