दिल्ली हिंसा: नफरत की आग के बीच दिखा हिंदू-मुस्लिमों का भाईचारा, बचाई एक-दूसरे की जान
बीते रविवार से राजधानी दिल्ली हिंसा की आग में जल रही है। उपद्रवियों ने लोगों के घर, दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। दंगाइयों ने सरकारी संपत्तियों को भी जमकर नुकसान पहुंचाया है। इन सबके बीच प्रभावित क्षेत्रों में जो सबसे बड़ी चीज देखने को मिली, वह है हिंदू-मुस्लिमों का भाईचारा। हिंसा के दौरान दोनों ही समुदाय के लोगों ने नफरत को नकारते हुए एक-दूसरे के साथ खड़े होकर एक-दूसरे की जान बचाई।
हिंसा में अब तक हुई 35 लोगों की मौत
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, ब्रह्मपुरी, बाबरपुर, करदमपुरी, सुदामापुरी, घोंडा चौक, करावल नगर, मुस्तफाबाद, चांदबाग, नूरे इलाही, भजनपुरा, गोकुलपुरी में हुई हिंसा में अब तक एक पुलिसकर्मी सहित 35 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से अधिक घायल हैं।
हिंदू परिवारों ने बेघर हुए मुस्लिमों के लिए खोले घर के दरवाजे
अशोक नगर निवासी मोहम्मद राशिद ने कहा कि मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे 1,000 से अधिक लोग बड़ी मस्जिद के पास स्थित कॉलोनी में घुस आए। उन्होंने घरों, दुकानों और वाहनों को आग लगा दी। वो लोग सड़कों पर रहने को मजबूर थे, लेकिन पड़ोसी हिंदू परिवार ने उन्हें रहने के लिए अपने घर में जगह देकर भाईचारे की मिसाल पेश की है। हिंदू परिवार के पिंटू ने कहा कि वह पीड़ित मुस्लिम परिवारों को अकेला महसूस नहीं होने देंगे।
25 सालों में कभी नहीं हुआ एक-दूसरे से झगड़ा
एक और हिंदू परिवार के यहां शरण लेने वाले मोहम्मद तैयब ने कहा कि इस क्षेत्र में मुस्लिमों के महज 6 परिवार रहते हैं। उनका 25 साल में कभी भी किसी हिंदू परिवार से झगड़ा नहीं हुआ और और वो सभी प्रेम से रहते हैं। वो हर सुख-दुख में एक-दूसरे के काम आते हैं। इस स्थिति में हिंदू भाईयों ने उनकी काफी मदद की है। यदि वो मदद को आगे नहीं आते तो न जाने क्या होता।
उपद्रवियों ने पहन रखा था नकाब
अशोक नगर निवासी राजेश खत्री ने बताया कि मंगलवार को उपद्रवियों ने दोपहर 1 बजे और शाम को 4 बजे दो बार हमला किया था। उन्होंने इलाके में स्थित बड़ी मस्जिद में भी तोड़फोड़ की और मुस्लिमों के छह घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने चेहरे पर नकाब पहन रखा था और उनके हाथों में लोहे की रॉड और अन्य हथियार थे। वो इस इलाके के नहीं थे।
हिंदुओं की दुकानों को भी लगाई आग
हिंसा में अपना सबकुछ गंवाने वाले अशोक नगर निवासी दानिश ने कहा कि वह भीड़ के आगे असहाय थे। वह उपद्रवियों से घरों को आग नहीं लगाने की मिन्नतें कर रहे थे, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। बाद में पहुंची पुलिस ने उन्हें बचाया। उपद्रवियों ने किसी को भी नहीं बख्सा। उन्होंने मस्जिद के नीचे चप्पल की दुकान करने वाले राजकुमार की दुकान को भी आग के हवाले कर दिया। उस समय राजकुमार की दुकान बंद भी थी।
मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में लोगों ने बचाई हिंदुओं की जान
अशोक विहार में जहां हिंदुओं ने मुस्लिम परिवारों को रहने को शरण दी, वहीं दूसरी ओर इंदिरा विहार के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में लोगों ने हिंदू परिवारों को बचाया। यहां 3,200 घर हैं और हिंदुओं में मात्र 6 परिवार है। बुधवार को हिंसा के दौरान तीन मुस्लिम युवकों ने हिन्दुओं के मंदिर को जलने से बचाया। इसके अलावा हिंदू परिवार के घरों के बाहर लगी नेम प्लेट पर मुस्लिम नाम लिख दिया ताकि उन्हें निशाना न बनाया जा सके।
लोगों ने कही आपसी सद्भाव बनाए रखने की बात
इलाके में रहने वाले नंदलाल ने बताया कि यहां रहने वाले मुस्लिम परिवारों के कारण वह सुरक्षित हैं। उन्होंने किसी भी उपद्रवी को उनके घर में नहीं घुसने दिया। उन्होंने घरों और मंदिरों के बाद युवकों को तैनात कर रखा है। तस्लीम अंसारी ने बताया कि शिव विहार में बाहर से आए लोगों ने आग लगाई है। यहां सब लोग एक-दूसरे के घर आते-जाते हैं और एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते भी हैं।
चांद बाग में भी मुस्लिमों ने की हिंदुओं की सुरक्षा
हिंसा प्रभावित क्षेत्र चांदबाग के रहने वाले प्रवीण कुमार ने कहा कि उनके मुस्लिम पड़ोसी बहुत अच्छे लोग हैं। आज वह उन्हीं की वजह से जिंदा हैं। हिंसा के दौरान इन्हीं परिवारों ने उनके घर और मंदिरों को उपद्रवियों से बचाया था। हिंदू शख्स तारा देव ने कहा, "हम तीन दशक से यहां रह रहे हैं। पड़ोसियों के साथ उन्हें कभी कोई परेशानी नहीं हुई। ये हमारे भाई और बहन हैं। अधिकतर हमारी रक्षा कर रहे हैं।"
भाजपा पार्षद ने भी बचाई थी मुस्लिम परिवार की जान
आपको बता दें कि गत सोमवार रात को यमुना विहार में भाजपा पार्षद प्रमोद गुप्ता एक मुस्लिम परिवार के लिए फरिश्ता बनकर आए थे और उन्होंने परिवार की जान बचाकर उसके घर को आग लगाने से बचा लिया था। उन्होंने हिंसा के दौरान सिद्दीकी के घर की ओर बढ़ती 150 लोगों की भीड़ के आगे खड़े होकर उपद्रवियों को वहां से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था। हालांकि उपद्रवियों ने उनकी दुकान को आग लगा दी थी।
डोभाल ने कही जल्द शांति कायम होने की बात
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार व बुधवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद कहा था कि माहौल में पहले के अपेक्षा शांति है। लोगों के बीच सौहार्द है। सभी लोग जल्द से जल्द शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जो अपने देश से प्यार करते हैं, पड़ोसी का भला चाहते हैं, उन सभी को प्रेम से रहना चाहिए। कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से हिंसा हुई थी। पुलिस अपना काम करेगी। इंशाअल्लाह यहां अमन होगा।