
हेट स्पीच मामला: अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द, चुनाव आयोग को भेजी गई सूचना
क्या है खबर?
हेट स्पीच (नफरती या भड़काऊ भाषण) मामले में शनिवार को 2 साल की सजा पाने वाले माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की रविवार को विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने रविवार को सचिवालय खुलने के बाद उनकी मऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है।
इसके साथ ही इसकी सूचना चुनाव आयोग को भी भेज दी गई है। अब इस विधानसभा सीट के उपचुनाव पर सबकी नजर टिक गई है।
फैसला
कोर्ट सबूतों के आधार पर सुनाया था फैसला
मऊ की विशेष सांसद/विधायक (MP/MLA) कोर्ट के न्यायाधीश डॉ केपी सिंह ने मामले में लंबी सुनवाई के बाद गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर अब्बास को दोषी करार देते हुए 2 साल का कारावास और 3,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
इसी तरह मामले में दूसरे अन्य आरोपी मंसूर अंसारी को 6 महीने की सजा और 1,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्बास ने हाई कोर्ट जाने का निर्णय किया था।
प्रकरण
क्या है हेट स्पीच का मामला?
अब्बास का यह मामला साल 2022 के विधानसभा चुनाव का है।
चुनाव के दौरान पहाड़पुरा इलाके में एक जनसभा में उन्होंने कथित तौर भड़काऊ बयाान दिया था। आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को सत्ता में आने के बाद हिसाब-किताब करने की धमकी दी थी।
इसे हेट स्पीच मानते हुए मऊ कोतवाली में उप निरीक्षक (SI) गंगाराम बिंद ने FIR दर्ज कराई थी। लगभग 3 साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अब्बास को दोषी मानते हुए सजा सुना दी।
पोस्ट
सजा मिलने के बाद अब्बास के अकाउंट से की गई थी यह पोस्ट
सजा के बाद अब्बास के एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की गई थी।
उसमें लिखा था, 'अजाएम जिनके ऊंचे और ऊंचे बख्त होते हैं, जमाने में उन्ही के इम्तिहान भी सख्त होते हैं। मऊ की CJM कोर्ट ने माननीय विधायक अब्बास अंसारी साहब को दोषी पाते हुए 2 साल और चाचा मंसूर अंसारी को 6 महीने की सजा सुनाई गई। आगे इंसाफ की लड़ाई ऊपर की अदालत में लड़ी जायेगी। देर से ही सही मगर इंसाफ जरूर होगा इंशाअल्लाह।'
जानकारी
अब्बास और मंसूर को मिली जमानत
अब्बास और मंसूर को सजा सुनाए के बाद कोर्ट ने जमानत पर भी रिहा कर दिया था क्योंकि दोनों ने सुनाई गई सजा से अधिक विचाराधीन बंदी के रूप में भुगत ली थी। ऐसे में अदालत ने उनकी जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया।
सदस्यता
क्यों रद्द हुई अब्बास की विधानसभा सदस्यता?
भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) के तहत अगर किसी विधायक या सांसद को किसी मामले में 2 साल से अधिक सजा होती है तो उसकी विधानसभा या लोकसभा की सदस्यता रद्द हो जाती है।
हालांकि, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से बरी होने पर उसकी सदस्यता फिर से बहाल कर दिया जाता है।
ऐसे में अब्बास के हाई कोर्ट जाने और वहां का फैंसला आने तक उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द रहेगी।