हरियाणा में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क, योजना तैयार
हरियाणा सरकार ने ऐलान किया है कि वह राज्य में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क बनाने जा रही है। गुरूग्राम और नूंह जिले में फैली अरावली पर्वत श्रृंखला पर बनने वाला यह पार्क 10,000 एकड़ में फैला होगा। अभी अफ्रीका से बाहर शारजाह में सबसे बड़ा क्यूरेटेड सफारी पार्क है। इसी साल फरवरी में खुले इस पार्क का क्षेत्रफल लगभग 2,000 एकड़ है। हरियाणा का प्रस्तावित पार्क इससे पांच गुना बड़ा होगा।
प्रस्तावित पार्क में क्या-क्या होगा?
राज्य सरकार के बयान के अनुसार, अरावली पर्वत श्रृंखला में बनने वाले इस पार्क में एक बड़ा हर्पेटेरियम, एवियरी, बर्ड पार्क, बिग कैट्स के चार जोन, शाकाहारी जानवरों के लिए एक बड़ा क्षेत्र होगा। साथ ही विदेशी पशु पक्षियों के लिए एक क्षेत्र, एक अंडरवाटर वर्ल्ड, नेचर ट्रेल्स, आगंतुक और पर्यटन जोन, बॉटनिकल गार्डन, बायोमेस, इक्वाटोरियल, ट्रॉपिकल, कोस्टल और डेजर्ट होंगे। इस सिलसिले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शारजाह का दौरा भी किया है।
केंद्र और हरियाणा सरकार मिलकर बनाएगी जंगल सफारी
केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ शारजाह का दौरा कर लौटे मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि हरियाणा के NCR क्षेत्र में जंगल सफारी के विकास के लिए पर्याप्त अवसर हैं। इससे न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा और केंद्र सरकार का साझा प्रोजेक्ट होगा। इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार हरियाणा को आर्थिक मदद भी देगी।
प्रबंधन के लिए बनाया जाएगा अरावली फाउंडेशन
मुख्यमंत्री खट्टर ने जानकारी दी कि इस पार्क के निर्माण के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगा गया था और ऐसी सुविधाओं के डिजाइन और संचालन का अनुभव रखने वाली दो कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। अब ये कंपनियां पार्क के निर्माण, डिजाइन और संचालन के लिए अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता में भाग लेगी। उन्होंने आगे बताया कि इस परियोजना के प्रबंधन के लिए अरावली फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी।
अरावली पर्वतों पर हैं विभिन्न प्रजातियां
खट्टर ने बताया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने इस इलाके का अध्ययन किया और उसने पाया कि यहां सफारी पार्क स्थापित किया जा सकता है। इस पार्क के विकास से न सिर्फ अरावली पर्वत श्रृंखला के सरंक्षण में मदद मिलेगी बल्कि दिल्ली और आसपास के लोग भी पर्यटन के लिए आ सकेंगे। बता दें कि अरावली पर्वतों पर पक्षियों की 180, स्तनधारी वन्य जीवों की 15, जमीन पर रेंगने वाले प्राणियों की 29 और तितलियों की 57 प्रजातियां मौजूद हैं।