हरियाणा हिंसा: गुरुग्राम की मस्जिद के नायाब ने खतरे के बावजूद नहीं छोड़ी थी मस्जिद
हरियाणा में हुई सांप्रदायिक हिंसा में जान गंवाने वाले गुरूग्राम की मस्जिद के 19 वर्षीय नायाब हाफिज साद को लेकर नई जानकारी सामने आई है। उनके मामा इब्राहिम अख्तर ने बताया, "साद अपने बड़े भाई शादाब के साथ अगले दिन ट्रेन से बिहार लौटने वाला था, लेकिन शादाब ने फोन कर बताया कि साद सुबह तक मस्जिद छोड़ने को तैयार नहीं। मस्जिद के मुख्य इमाम बाहर थे और साद गुरुवार को उनके लौटने तक मस्जिद छोड़ने को तैयार नहीं था।"
बिहार में उठी न्याय की मांग
बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले हाफिज साद की मौत के बाद पूरे मनियाडीह गांव में शोक की लहर है। लोगों ने न्याय की मांग की है। साद के पिता मुश्ताक ने कहा, "मेरे बेटे की क्या गलती थी? भीड़ ने साद पर हमला क्यों किया, मुझे सरकार से न्याय चाहिए।" गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित मस्जिद में साद अजान करते थे और इमाम के न रहने पर नमाज कराते थे। सोमवार को उनकी हत्या कर दी गई थी।