गुजरात: 6 साल की छात्रा ने किया रेप का विरोध, प्रधानाचार्य ने हत्या कर शव फेंका
क्या है खबर?
गुजरात के दाहोद जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक स्कूल के प्रधानाचार्य पर 6 वर्षीय छात्रा की हत्या कर शव को स्कूल परिसर में फेंकने का आरोप लगा है।
आरोपी प्रधानाचार्य 55 वर्षीय गोविंद नट है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है।
पुलिस ने गोविंद नट के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
हत्या
क्या है पूरा मामला?
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजदीप सिंह झाला ने बताया कि बच्ची की मां ने जानकारी दी कि उनकी बेटी रोजाना प्रधानाचार्य के साथ स्कूल जाती थी।
गुरुवार 19 सितंबर को गोविंद सुबह 10:12 बजे बच्ची को कार से लेने आया था। हालांकि, उस दिन बच्ची स्कूल नहीं पहुंची और घर भी नहीं आई।
इसके बाद मां की शिकायत पर बच्ची की तलाश शुरू हुई तो उसका शव स्कूल परिसर में पड़ा मिला और किताबें और जूते कक्षा के पास पड़े थे।
जांच
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा, जिसमें उसकी मौत दम घुटने से बताई गई। मामले की जांच के लिए 10 सदस्यीय टीमें गठित की गई और पूछताछ शुरू हुई।
इस दौरान बच्ची की मां ने प्रधानाचार्य गोविंद का नाम लिया। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो पहले उसने बताया कि वह बच्ची को स्कूल छोड़कर चला गया था, लेकिन जब उसकी कॉल लोकेशन की जांच की गई तो घटना के दिन वह स्कूल के पास मिला।
खुलासा
प्रधानाचार्य ने पुलिस के सामने गुनाह कबूल किया
इसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल लिया। उसने बताया कि स्कूल ले जाते समय उसने बच्ची के यौन उत्पीड़न की कोशिश की, लेकिन उसने चिल्लाकर विरोध किया।
चिल्लाने से रोकने के लिए उसने बच्ची का गला दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। शव को उसने दिन भर कार में बंद रखा, फिर शाम को 5 बजे शव को स्कूल के पीछे फेंक दिया और किताबें कक्षा के बाहर रख दिए।
नाराजगी
गुजरात में मामला सामने आने के बाद नाराजगी
पुलिस का कहना है कि आरोपी प्रधानाचार्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
राज्य के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने घटना पर कहा कि यह समाज के लिए शर्मनाक घटना है और उनको इससे बहुत दुख हुआ है।
उन्होंने बताया कि वह 3 दिनों से इस पर नज़र रख रहे थे और पुलिस से मामले की तह तक पहुंचने को कहा गया था। सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसा अपराध दोबारा न हो।