गुजरात ATS की महिला टीम ने नामी डॉन को घुटनों के बल आत्मसमर्पण को किया मजबूर
आधुनिक दौर में एक बात अक्सर सुनने को मिलती है कि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर हैं और किसी भी तरह से उनसे कमतर नहीं हैं। हमें लगभग हर दिन इसकी बानगी देखने को मिलती है और एक बार फिर से ऐसा ही एक उदाहरण सामने आया है। गुजरात की आतंकवाद-रोधी शाखा में शामिल चंद महिला पुलिकर्मियों ने एक बेहद खूंखार गैंगस्टर को घुटनों के बल आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया। आइए आपको पूरा मामला बताते हैं।
जूनागढ़ में था डॉन के नाम का खौफ
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, गुजरात ATS की एक टीम ने नामी डॉन जुसब अल्लारखा को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। अल्लारखा के नाम 4 हत्या के मामलों के अलावा लूट और सरकारी अफसरों पर हमले के 15 मामले दर्ज हैं। जूनागढ़ और आसपास के इलाकों में उसका खौफ था। गौर करने वाली बात ये है कि जिस टीम ने अल्लारखा को गिरफ्तार किया, उसमें शामिल सभी पुलिसकर्मी महिलाएं हैं।
महिला टीम की जांबाजी के आगे नामी बदमाश नतमस्तक
घोड़ी पर सफर करता था डॉन
अल्लारखा के बारे में कहा जाता है कि पकड़े जाने के डर से वह अपने पास न तो मोबाइल रखता था, न ही कोई गाड़ी। वह एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए घोड़ी का प्रयोग करता था। वारदात करने के बाद वह बोटाद के घने जंगल में जाकर छिप जाता था। हाल ही में ATS को इसी जंगल में उसके छुपे होने और गैर-कानूनी गतिविधियों की जानकारी मिली, जिसके बाद एक टीम का गठन किया गया।
घने जंगल में डेढ़ किलोमीटर पैदल चली टीम
टीम में चार महिला इंस्पेक्टर संतोक बेन, नितमिका, अरुणा बेन और शकुंतला बेन को शामिल किया गया। महिला अफसरों को आशंका थी कि अगर वह गाड़ी का प्रयोग करेंगी तो अल्लारखा को उनके आने की जानकारी मिल जाएगी, इसलिए चारों ने रात को घने जंगलों में डेढ़ किलोमीटर का सफर पैदल तय किया। इसके बाद अत्याधुनिक हथियारों से लैस इस टीम के आगे डॉन और उसके गुर्गों की एक न चली और उन्हें जान बचाने के लिए आत्मसमर्पण करना पड़ा।
आम लड़कियों की तरह दिख रही हैं जांबाज महिला पुलिसकर्मी
अल्लारखा के आत्मसमर्पण की तस्वीर में देखा जा सकता है कि वह घुटने के बल बैठा हुआ है और चारों महिला पुलिसकर्मी बंदूक लिए हुए खड़ी हैं। नामी डॉन को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर करने वाली ये जांबाज साधारण कपड़ों में आम लड़कियों की तरह लग रही हैं। फिल्मी सी दिखने वाली यह तस्वीर इस सोच को और पुख्ता करती है कि महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं हैं।