ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापनों पर सरकार सख्त, दिखाने पर होगी कार्रवाई
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को मीडिया संस्थानों के ऑनलाइन सट्टेबाजी या जुआ विज्ञापनों को प्रकाशित या प्रदर्शित करने को लेकर एक नई एडवाइजरी जारी की।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में समाचार पत्रों, टेलीविजन चैनलों, डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को किसी भी रूप में सट्टेबाजी और जुआ वाली विज्ञापन सामग्री दिखाने से बचने को कहा गया है।
मंत्रालय ने कहा कि इस आदेश का पालन न करने वाले संस्थानों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
एडवाइजरी
मंत्रालय ने क्यों जारी की नई एडवाइजरी?
यह एडवाइजरी इस महीने के अंत में होने वाले एशिया कप क्रिकेट लीग और भारत में होने वाले ICC विश्व कप 2023 से पहले जारी की गई है।
मंत्रालय ने एडवाइजरी में कहा है, "यह देखा गया है कि किसी प्रमुख खेल आयोजन पर, विशेषकर क्रिकेट मैचों के दौरान ऐसे सट्टेबाजी और जुए के प्लेटफार्म्स को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति होती है और ऐसा ही एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम अब से कुछ दिनों में शुरू हो रहा है।"
एडवाइजरी
मंत्रालय ने अपनी एजवाइजरी में क्या कहा?
मंत्रालय ने अपने एडवाइजरी में कहा है, "सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्म्स के ऐसे विज्ञापन महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक जोखिम पैदा करते हैं। इस तंत्र का मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क से संबंध है, जिससे देश की वित्तीय सुरक्षा को खतरा है। इन अवैधताओं के साथ काफी संभावना है कि ऐसे विज्ञापनों के भुगतान के लिए काले धन का उपयोग किया जाता है।"
एडवाइजरी के अनुसार, "क्रिकेट मैचों के दौरान कई मीडिया संस्थान सट्टेबाजी और जुए से जुड़े विज्ञापन दिखा रहे हैं।"
उल्लंघन
मीडिया प्लेटफार्म्स पर किन कानूनों का हो रहा है उल्लंघन?
भारत में सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 लागू है। इस अधिनियम के अंतर्गत जुआ खेलना और खिलवाना दोनों ही अपराध है। देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ भी एक गैरकानूनी गतिविधि है।
इस हिसाब से किसी भी मीडिया प्लेटफार्म पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी गतिविधियों के विज्ञापन प्रदर्शित या प्रचारित करना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 और प्रेस काउंसिल अधिनियम, 1978, केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम, 1995 सहित विभिन्न कानूनों के उल्लंघन में आता है।
जानकारी
जुआ अधिनियम के तहत क्या है सजा का प्रावधान?
सार्वजनिक जुआ अधिनियम एक केंद्रीय कानून है, जो सार्वजनिक सट्टेबाजी या जुए जैसी गतिविधियों को संचालित करने पर प्रतिबंध लगाता है। इस अधिनियम के तहत कानून का उल्लंघन करने पर 200 रुपये का जुर्माना या 3 महीने तक की कैद हो सकती है।
एडवाजरी
पिछले साल भी जारी हो चुकी है एडवाइजरी
पिछले साल अक्टूबर में केंद्र ने ऑनलाइन सट्टेबाजी को लेकर OTT प्लेटफॉर्म्स, निजी सैटेलाइट टीवी चैनल्स और न्यूज वेबसाइटों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े विज्ञापन नहीं दिखाने के लिए कहा था।
मंत्रालय ने कहा था कि निजी टेलीविजन चैनलों, OTT प्लेटफार्म्स को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऑनलाइन सट्टेबाजी वाली साइटों के भ्रामक प्रचार/विज्ञापनों को न दिखाएं।
अब सरकार ने अन्य मीडिया प्लेटफार्म्स के लिए भी यह एडवाइजरी जारी की है।