नई टोल नीति तैयार कर रही सरकार, कारों के लिए बढ़ सकता है टोल
केंद्र सरकार ने नई टोल नीति को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। नई नीति में हाइवे पर लगने वाले टोल और वाहनों की श्रेणियों को रिवाइज किया जाएगा। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि प्राइवेट कारों के लिए टोल की रकम में इजाफा हो सकता है। सड़क और हाइवे मंत्रालय इसका ड्राफ्ट तैयार करने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के साथ मिलकर कंसल्टेंसी फर्म बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की मदद ले रहा है।
बढ़ सकता है निजी कारों के लिए टोल का रेट
मंत्रालय के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि बाकी देशों के मुकाबले भारत में सवारी गाड़ियों के लिए टोल की दरें काफी कम हैं, जबकि मालवाहक वाहनों के लिए यह काफी ज्यादा है। BCG ने सुझाव दिया है कि इन दरों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। इसके लिए निजी कारों की टोल दरें बढ़ाई जाएंगी और मालवाहक वाहनों की दरें कम की जाएंगी।
2008 में बनी थी मौजूदा नीति
नितिन गडकरी के नेतृत्व वाले मंत्रालय केंद्रीय कैबिनेट से नई नीति को नोटिफाई करने की मंजूरी मांग सकता है। अधिकारियों ने बताया कि कारों के लिए टोल दरों में इजाफा करना राजनीतिक मुद्दा भी बन सकता है। BCG से अंतिम ड्राफ्ट आने और NHAI से मंजूरी मिलने के बाद इसे केंद्रीय कैबिनेट को भेजा जाएगा। बता दें कि अंतिम बार 2008 में टोल को लेकर राष्ट्रीय नीति बनाई गई थी।
नई व्यवस्था पर विचार कर रही सरकार
नई पॉलिसी के अलावा केंद्र सरकार नेशनल हाइवे के इस्तेमाल के लिए 'पे एज यू यूज' व्यवस्था लागू करने का भी विचार कर रही है। इस व्यवस्था में एक ड्राइवर को उतना ही टोल देना पड़ेगा, जितनी उसने दूरी तय की है। मौजूदा व्यवस्था में ड्राइवर को एक तय दूरी के हिसाब से टोल देना पड़ता है। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 का बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की थी।
विदेशों में क्या है व्यवस्था
अधिकतर देशों में वाहन द्वारा तय की गई दूरी के हिसाब से टोल लिया जाता है। यहां हाइवे के हर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर टोल प्लाजा बने होते हैं। जबकि भारत में तय दूरी के हिसाब से टोल प्लाजा बने हुए हैं।