1 फरवरी से 'किस्मत का खेल' नहीं खेल पाएंगे गोवावासी, कैसिनो में प्रवेश पर लगा बैन
क्या है खबर?
पूरी दुनिया को मौज-मस्ती और अय्याशी का अहसास कराने वाले गोवा के लोग अब खुद ही 'किस्मत का खेल' यानी कैसिनो नहीं खेल पाएंगे। आगामी 1 फरवरी से गोवा में संचालित कैसिनो में गावावासियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। खुद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इसकी घोषणा की है।
गोवा सरकार का मानना है कि जुआ एक गंदी लत है और स्थानीय निवासियों को इससे दूर रखने के लिए कदम उठाना चाहिए।
आयोग
बिक्री कर आयोग को गेमिंग आयोग के रूप में नियुक्त किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कैसिनो के संचालन के लिए नीति और नियम बनाने के लिए अब बिक्री कर आयोग को गेमिंग आयोग के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
यह आयोग राज्य में पर्यटन की स्थिति को देखते हुए कैसिनो के वैधानिक संचालन के लिए नीति और नियम बनाएगा। इसके बाद उन नियमों के आधार पर ही राज्य में कैसिनो का संचालन किया जाएगा।
आयोग बनने के साथ ही गोवावासियों का कैसिनो में प्रवेश बैन हो जाएगा।
अधिसूचना
एक-दो दिन में जारी की जाएगी अधिसूचना
मुख्यमंत्री ने बताया कि कैसिनो संचालन के लिए बनाए जाने वाले गेमिंग आयोग के सम्बन्ध में एक-दो दिन में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
आयोग के गठन के बाद उसके पास स्थानीय लोगों के कैसिनो में प्रवेश को रोकने का भी अधिकार आ जाएगा।
इसके बाद आयोग स्थानीय लोगों के कैसिनो में प्रवेश से संबंधित कानून व नीति भी बनाएंगे।
वर्तमान में गोवा में कुल नौ कैसिनो संचालित है, जिनमें नो मंडोवी नदी के तटीय क्षेत्र में हैं।
योजना
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बनाई थी योजना
गोवा के कैसिनो में स्थानीय लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने योजना बनाई थी।
उस दौरान उन्होंने कहा था कि पर्यटन की वजन से यदि राज्य में कैसिनो पर बैन नहीं लगाया जा सकता तो इसमें स्थानीय लोगों के प्रवेश पर तो रोक लगाई जा सकती है।
इसी तरह गत वर्ष अगस्त में मुख्यमंत्री सावंत ने कहा था गोवा में संचालित कैसिनो में अब केवल पर्यटकों को ही प्रवेश दिया जाएगा।
महत्वपूर्ण
गोवा में आने वाले पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण हैं कैसिनो
सरकार का मानना है कि कैसिनों को गोवा में बैन नहीं किया जा सकता है। इसका कारण है कि यह यहां आने वाले पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण हैं। अधिकतर पर्यटक तो गोवा केवल आते ही कैसिनो खेलने के लिए हैं।
इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि गोवा में वर्ष 2018-19 में तटवर्ती और शहरी कैसिनो का कुल 411 करोड़ रुपये का कारोबार था। ऐसे में यह राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए भी आवश्यक है।
मांग
लंबे समय से की जा रही थी कैसिनो को बंद करने की मांग
गोवा में संचालित कैसिनो लंबे समय से स्थानीय लोगों के विरोध का प्रमुख केन्द्र रहे हैं। वहां के प्रमुख सामाजिक लगातार गोवा में कैसिनो के संचालन को बंद करने की मांग करते रहे हैं।
संगठन, कैसिनो को एक सामाजिक बुराई मानते हैं और स्थानीय लोगों पर इसका बुरा असर पड़ना बताते हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री सावंत ने साफ किया कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कैसिनो जरूरी है, लेकिन इसमें स्थानीय लोगों के प्रवेश का रोका जाएगा।