भारत में शुरू हुआ कोरोना वायरस के संक्रमितों के इलाज के लिए दवा का ट्रायल
ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल ने भारत में एंटी-वायरल दवा फेविपिराविर (Favipiravir) का क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। इस दवा को कोरोना वायरस (COVID-19) के संभावित इलाज के तौर पर देखा जा रहा है। मुंबई स्थित कंपनी ग्लेनमार्क ने BSE को जानकारी दी है कि वह पहली कंपनी है, जिसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोरोना वायरस संक्रमितों पर दवा के ट्रायल की अनुमति दी है। आइये, इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
जुलाई-अगस्त तक चलेंगे ट्रायल
फेविपिराविर को 2014 में भारत में एंटी-फ्लू दवा के तौर पर मंजूरी मिली थी। कंपनी ने सफलतापूर्वक इसकी एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रेडिएंट (API) विकसित कर ली है। ग्लेनमार्क ने बताया कि 10 से ज्यादा सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों पर इसकी स्टडी होगी, जो जुलाई या अगस्त तक पूरी हो जाएगी। कंपनी की वाइस प्रेसिंडेट डॉक्टर मोनिका टंडन ने कहा कि हर कोई इस दवा के मरीजों पर असर को देखने के लिए उत्सुक है।
देश में 70,000 से पार पहुंची संक्रमितों की संख्या
टंडन ने कहा कि इन ट्रायल्स से मिलने वाले आंकड़े कोरोना संक्रमितों के इलाज और प्रबंधन की दिशा में एक साफ तस्वीर पेश करेंगे। बता दें कि भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 70,000 से ज्यादा हो गई है।
कई देशों में पहले से इस्तेमाल हो रही यह दवा
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के महानिदेशक डॉक्टर शेखर मांडे ने ABP न्यूज को बताया था कि फेविपिराविर एक ऐसी दवा है जो भारत सहित कई देशों में पहले से ही इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए इस्तेमाल हो रही थी। उन्होंने कहा था कि यह एक सुरक्षित दवा है इसलिए इसके ट्रायल में सीधे फेज-2 के परीक्षण शुरू किए जा सकते हैं। इसलिए इसके ट्रायल दो महीनो में पूरे होने की उम्मीद है।
CSIR ने की थी 25 संभावित इलाजों की पहचान
मांडे ने कहा था कि अगर इसके ट्रायल के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप आते हैं तो यह दवा जल्द और सस्ते दामों में उपलब्ध हो सकेगी। यह एक पुरानी दवा है और इसका पेटेंट खत्म हो चुका है। भारत में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए CSIR ने रिपर्पजिंग (किसी दवा का दूसरे उद्देश्य के लिए इस्तेमाल) की खातिर 25 दवाओं की पहचान की थी। इनमें से फेविपिरावीर सबसे भरोसेमंद दवा के रूप में सामने आई थी।
41 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है कोरोना वायरस
गौरतलब है कि दुनियाभर में वैज्ञानिक तेजी से फैल कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने की कोशिश में लगे हुए हैं। यह वायरस अब तक 41.7 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है, जिनमें से 2.86 लाख की मौत हो गई है। इससे पहले गिलियाड साइंसेस की दवा रेमडेसिवीर के क्लीनिकल ट्रायल के शुरुआती नतीजे उत्साहवर्धक रहे थे। ट्रायल में पता चला कि यह दवा कोरोना संक्रमितों की तेजी से ठीक होने में मदद करती है।